योग दिवस के इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य योग के महत्व को लोगों तक पहुंचाना और इसके नियमित अभ्यास के लिए प्रेरित करना था.
योगाचार्य राजर्षि बोरा ने इस अवसर पर उपस्थित लोगों को योगासन के विभिन्न प्रकारों का अभ्यास कराया.
योगाचार्य भारत भूषण गुरुजी ने बांसुरी की मधुर धुनों के साथ योगासन का अभ्यास कराते हुए इसे और भी आनंदमय बना दिया.
योगाचार्य भारत भूषण गुरुजी ने रामदास आठवले को बांसुरी बजाने का आग्रह किया.
गुरुजी के आग्रह को मानते हुए रामदास आठवले ने भी बांसुरी बजाने का आनंद लिया.
इस योग दिवस का आयोजन पूर्व उपमहापौर बाबूभाई भवान द्वारा किया गया था. कार्यक्रम के अंत में रामदास आठवले ने सभी उपस्थित लोगों का धन्यवाद किया और योग को अपने दैनिक जीवन में शामिल करने का संकल्प लेने के लिए प्रेरित किया.
योग दिवस के अवसर पर रामदास आठवले ने कहा कि योग हमारी संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है और इसे नियमित करने से हम मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रह सकते हैं. उन्होंने योग को जीवन का हिस्सा बनाने की अपील की.
योगाचार्य राजर्षि बोरा ने योग के विभिन्न आसनों के फायदों पर चर्चा की और बताया कि कैसे ये आसन शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में सहायक होते हैं. उन्होंने कहा कि योग केवल शारीरिक व्यायाम नहीं है, बल्कि यह हमारे मन और आत्मा को शांति और स्थिरता प्रदान करने का एक साधन है.
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