Updated on: 10 January, 2024 03:04 PM IST | mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
विश्व हिंदी दिवस पूरी दुनिया में हिंदी के प्रचार प्रसार और इसके महत्व को फैलाने के लिए बनाया गया है. पहला विश्व हिंदी सम्मेलन 10 जनवरी 1975 को नागपुर में आयोजित हुआ था.
प्रतिकात्मक तस्वीर/आईस्टॉक
विश्व हिंदी दिवस पूरी दुनिया में हिंदी के प्रचार प्रसार और इसके महत्व को फैलाने के लिए बनाया गया है. पहला विश्व हिंदी सम्मेलन 10 जनवरी 1975 को नागपुर में आयोजित हुआ था. आंकड़ों की मानें तो हिंदी पूरी दुनिया में बोली जाने वाली 5 लोकप्रिय भाषाओं में से एक है. वहीं, हिंदी दिवस को हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है, क्योंकि पंडित जवाहरलाल नेहरू ने इसी दिन 1949 में हिंदी को भारत की राजभाषा के रूप में स्वीकार किया था. विश्व हिन्दी दिवस और हिंदी दिवस में यही कुछ खास अंतर भी हैं. खास बात ये है कि हिंदी संवैधानिक रूप से भारत की राजभाषा और भारत की सबसे अधिक बोली और समझी जाने वाली भाषा है.
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अमर उजाला की एक रिपोर्ट के अनुसार दक्षिण प्रशांत महासागर के मेलानेशिया के फिजी में हिंदी को आधिकारिक भाषा का दर्जा दिया गया है. हर साल विश्व हिन्दी दिवस को अलग-अलग थीम पर मनाया जाता है. इस साल इसकी थीम है हिंदी पारंपरिक ज्ञान और कृत्रिम बुद्धिमत्ता. हिंदी के महत्व को समझाने के लिए कई बड़े और लोकप्रिय नेताओं, लेखकों और चिंतकों ने अपने अपने मत दिए हैं.
आइए कुछ खास नारों के बारे में जानें, तो हिंदी के महत्व को बताते हैं-
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