प्रहार जनशक्ति पार्टी के जिला अध्यक्ष स्वप्निल पाटिल और राष्ट्र कल्याण पार्टी के अध्यक्ष शैलेश तिवारी पर रंगदारी का मामला दर्ज किया गया था.
हालांकि, स्वप्निल पाटिल ने पहले ही पुलिस विभाग को लिखित रूप में सूचित कर दिया था कि यह मामला झूठा है और इसे भू-माफियाओं और भ्रष्ट अधिकारियों द्वारा उनके खिलाफ गढ़ा गया है.
उनका आरोप था कि उल्हासनगर में टाउन प्लानर ललित खोबरागड़े द्वारा किए गए भ्रष्टाचार को छुपाने और विरोध को दबाने के लिए यह मामला दर्ज किया गया.
प्रहार जनशक्ति पार्टी की मांग पर मामले को ठाणे के पुलिस आयुक्त ने गंभीरता से लिया और इसकी गहन जांच अपराध शाखा को सौंपी. क्राइम ब्रांच की जांच में यह साबित हुआ कि रंगदारी का मामला झूठा था और इसे भ्रष्टाचार को छुपाने के उद्देश्य से दायर किया गया था.
इस विरोध प्रदर्शन ने ठाणे जिले के सामाजिक कार्यकर्ताओं और वकीलों को एकजुट कर दिया. बड़ी संख्या में लोग आमरण उपोषण में शामिल हुए और भ्रष्टाचार व झूठे मामलों के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की.
ओमप्रकाश बाबाराव कडू (बच्चू कडू) ने प्रदर्शन स्थल पर पहुंचकर आंदोलनकारियों का समर्थन किया और प्रशासन पर दबाव बनाया. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार और झूठे मामलों के खिलाफ लड़ाई में वे पूरी तरह प्रहार जनशक्ति पार्टी के साथ खड़े हैं.
पुलिस आयुक्त ने आश्वासन दिया कि दोषी अधिकारियों और झूठे मामले दर्ज कराने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. यह कदम प्रशासन में पारदर्शिता और न्याय सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण है. यह घटना भ्रष्टाचार और झूठे मामलों के खिलाफ एक मजबूत संदेश है. प्रहार जनशक्ति पार्टी और अन्य सामाजिक संगठनों की एकजुटता ने इस लड़ाई को एक बड़ी जीत में बदल दिया.
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