विवाह के अवसर पर दिव्यांगजनों की सहायता करने और बड़े पैमाने पर समुदाय की मदद करने का संकल्प लिया गया है. जीत अडानी हमेशा से ही दिव्यांगजनों (PwDs) के बड़े हिमायती रहे हैं, और उनकी भलाई का यह नेक काम उनके लिए बहुत मायने रखता है.
यह सिर्फ़ एक शादी से कहीं बढ़कर है; बल्कि यह इस बात की नई मिसाल कायम करने वाली एक पहल है कि हमें किस तरह प्यार का उत्सव मनाने के साथ-साथ उन लोगों के सामर्थ्य, उनके हुनर और काबिलियत का भी सम्मान करना चाहिए, जिनकी अक्सर अनदेखी की जाती है.
मिट्टी कैफ़े विजिट:
श्री गौतम अडानी के बेटे जीत अडानी को शादी से पहले 7 फरवरी को अपनी मंगेतर दिवा शाह के साथ मिट्टी कैफ़े में देखा गया. यह एक गैर-लाभकारी संगठन है, जो दिव्यांगजनों के लिए रोजगार और आजीविका के अवसर उपलब्ध कराता है. उनकी यह विजिट बेहद खास थी. इस मौके पर, उन दोनों ने मिट्टी कैफ़े में सच्ची लगन से काम करने वाली टीम को निजी तौर पर शादी में आने का न्योता दिया. यह इस संगठन के साथ लंबे समय से उनके जुड़ाव को दर्शाता है, साथ ही इससे यह भी जाहिर होता है कि वे समाज के हर तबके के लोगों को सक्षम बनाने और उन्हें साथ लेकर चलने के इरादे पर अटल हैं. मिट्टी कैफ़े को दिव्यांगजनों को सम्मानजनक रोजगार के अवसरों के ज़रिये सक्षम बनाने में अपने प्रभावशाली काम के लिए जाना जाता है, जो देश भर के कई शहरों में अपनी गतिविधियों का संचालन करता है. जीत अडानी मिट्टी कैफ़े और उनके काम के पक्के हिमायती रहे हैं. इससे पहले भी वे मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर मिट्टी कैफ़े का उद्घाटन कर चुके हैं.
एनजीओ से जुड़ाव:
अडानी परिवार ने इस विवाह को एक ऐसे नेक काम से जोड़ने का फैसला किया है, जिसकी जड़ें समाज की उन्नति में गहरे विश्वास से जुड़ी हैं. वे दिव्यांगजनों (PWDs) की सहायता के लिए दिल्ली के फैमिली ऑफ़ डिसेबल्ड और चेन्नई के काई रस्सी जैसे NGOs के साथ मिलकर काम कर रहे हैं, जो इस विवाह समारोह का हिस्सा बनेंगे. इसका उद्देश्य दिव्यांगजनों को अपना हुनर और अपनी कला दिखाने के लिए एक मंच प्रदान करना है, ताकि उन्हें सक्षम बनाया जा सके. FOD दिव्यांगजनों को हुनरमंद बनाने और अपने पैरों पर खड़े होने में मदद करता है. इस विवाह के लिए, वे नवविवाहित जोड़े के लिए हाथों से पेंट किए गए शॉल तैयार करेंगे. इसी तरह, चेन्नई के काई रस्सी के साथ की गई साझेदारी भी काफी मायने रखती है, जो कला के ज़रिये दिव्यांग समुदाय को सक्षम बनाता है. वे बेहद खूबसूरत प्लेकार्ड तैयार करेंगे जिसमें FOD द्वारा तैयार किए जाने वाले प्रोडक्ट्स के बारे में जानकारी होगी. साथ ही डिजिटल रूप से प्रिंट की गई प्लेटें भी प्रदर्शित की जाएंगी, जिसमें कलाकारी को नेक काम के साथ जोड़ा गया है.
कारीगरों की भागीदारी:
इस समारोह में अडानी फाउंडेशन से जुड़े कारीगरों की कलाकृतियाँ भी देखने को मिलेंगी. अहमदाबाद की निकिता जी जैसे कारीगर मनकों के साथ विशेष रूप से तैयार किए गए हार और कमरबंद बनाएंगे, जबकि नेल आर्टिस्ट प्रकाश जी अपनी अनूठी नेल आर्ट तकनीक का उपयोग करके बेमिसाल बुकमार्क तैयार करेंगे, जिससे उनका हर काम सही मायने में एक कलाकृति बन जाएगी. फ़िरोज़ाबाद के बाप-बेटी मुन्ना जी और नाजमीन की जोड़ी काँच की हैरतअंगेज कलाकृतियाँ तैयार करेगी, जिनका उपयोग शादी की सजावट के लिए किया जाएगा. जोधपुर के बिबाजी चूड़ी वाला की ओर से लाख की चूड़ियों सहित तीन प्रकार की चूड़ियाँ उपलब्ध कराई जाएंगी, जिनमें पारंपरिक शिल्प कला की झलक दिखाई देगी. नासिक के जगदीश जी शंकरी पैठाणी साड़ीज की ओर से मेहमानों को उपहार के रूप में 400 कारीगरों द्वारा बुनी गई पैठाणी साड़ियाँ उपलब्ध कराई जाएंगी, जो भारत की बुनाई की पारंपरिक कला में सहयोग देने की भावना को दर्शाती है. निताबेन और मुंद्रा स्थित मेघधनुष सहेली नामक उनका स्वयं सहायता समूह साल 2016 से ही अडानी फाउंडेशन से जुड़ा हुआ है, जिसे मिट्टी की अपनी खूबसूरत कलाकारी के लिए जाना जाता है. वे भी अपनी कलाकृतियों के साथ इस समारोह की शोभा बढ़ाएंगी.
विवाह के आयोजन संग नेक काम की पहल:
विवाह के आयोजन को नेक काम के साथ जोड़ना, यकीनन सिर्फ़ धूम-धाम के साथ जश्न मनाने से कहीं बढ़कर है. यह नव विवाहित जोड़े के लिए अपनी ज़िंदगी के सबसे खास दिन को पारंपरिक मूल्यों के साथ जोड़ने का नायाब तरीका है. यह शादी न केवल प्यार के उत्सव के रूप में, बल्कि लोगों के जीवन में उम्मीद की किरण जगाने और उन्हें सक्षम बनाने वाली पल के रूप में भी ज़माने को एक नई राह दिखाने वाली है. इस आयोजन को नेक काम के साथ जोड़ा गया है, जिसमें हर छोटी-बड़ी बात में दिव्यांगजनों के उत्थान और उनके सम्मान को ध्यान में रखा गया है. एनजीओ से लेकर स्थानीय कारीगरों को सहयोग देने तक, यह जोड़ा एक ऐसी शादी रचाने वाला है, जिसमें बड़े पैमाने पर लोगों की भलाई के लिए उनके समर्पण की झलक दिखाई देती है. दिव्यांगजनों की सहायता करने वाले संगठनों के साथ साझेदारी करके, यह आयोजन बड़े प्रभावशाली तरीके से परंपराओं को एकजुटता की भावना और नेक उद्देश्य में बदल देता है.
अपनी शादी से पहले मिट्टी कैफ़े जाना सिर्फ़ सद्भाव का संकेत नहीं है, बल्कि उनकी इस पहल से जाहिर होता है कि समाज के प्रति अपनी ज़िम्मेदारी निभाने की भावना अडानी परिवार के रग-रग में बसी है. इस विवाह के उत्सव की योजना काफी सोच-समझकर तैयार की गई है, जिसमें दिल्ली के फैमिली ऑफ़ डिसेबल्ड और काई रस्सी जैसे NGOs के साथ-साथ निकिता जी, बिबाजी चूड़ी वाला, जगदीश जी शंकरी पैठाणी जैसे कारीगरों के अलावा कई अन्य लोग शामिल होंगे. इस तरह, उन्होंने समाज के हर तबके को साथ लेकर चलने और समुदाय की भलाई को अपने विवाह के उत्सव का हिस्सा बनाया है.
इन साझेदारियों के ज़रिये, अपने साथ जुड़े सभी एनजीओ और कारीगरों को आगे बढ़ने में मदद करना ही उनका उद्देश्य है. वे लोगों के जीवन में बदलाव लाने वाले इस अवसर के लिए उन सभी लोगों का तहे दिल से शुक्रिया अदा करते हैं, जो हमारे इस खास दिन का हिस्सा बने हैं.
अडानी परिवार ने इस नेक काम में अपना सहयोग देने के विचार को पूरे दिल से अपनाया है, जो सार्थक बदलाव लाने की सोच के अनुरूप है और वे मानते हैं कि सही मायने में यह जश्न मनाने का सबसे संतोषजनक तरीका है.
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