होम > न्यूज़ > नेशनल न्यूज़ > आर्टिकल > विदेश मंत्री एस जयशंकर की बढ़ी सुरक्षा, मिला अतिरिक्त बुलेटप्रूफ वाहन

विदेश मंत्री एस जयशंकर की बढ़ी सुरक्षा, मिला अतिरिक्त बुलेटप्रूफ वाहन

Updated on: 14 May, 2025 12:43 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

एस. जयशंकर, जिन्हें वर्तमान में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) से `जेड` श्रेणी की सशस्त्र सुरक्षा मिलती है, को अब देश भर में उनकी गतिविधियों के लिए एक उन्नत सुरक्षा वाहन मिलेगा.

प्रतीकात्मक तस्वीर. फोटो/पीटीआई

प्रतीकात्मक तस्वीर. फोटो/पीटीआई

भारत-पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव के बीच केंद्र सरकार ने विदेश मंत्री (ईएएम) एस. जयशंकर की सुरक्षा बढ़ा दी है. बुधवार को शीर्ष सूत्रों ने बताया कि विदेश मंत्री के काफिले में अब एक अतिरिक्त बुलेटप्रूफ वाहन होगा. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार एस. जयशंकर, जिन्हें वर्तमान में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) से `जेड` श्रेणी की सशस्त्र सुरक्षा मिलती है, को अब देश भर में उनकी गतिविधियों के लिए एक उन्नत सुरक्षा वाहन मिलेगा. 

रिपोर्ट के मुताबिक सीआरपीएफ ने यह फैसला भारत-पाकिस्तान तनाव से जुड़े हालिया खतरे के आकलन के बाद लिया है. इन खतरों से संकेत मिलता है कि विदेश मंत्रालय के काफिले के लिए बढ़ी हुई सुरक्षा की जरूरत है. अक्टूबर 2024 में सीआरपीएफ ने जयशंकर की सुरक्षा को `वाई` से बढ़ाकर `जेड` श्रेणी कर दिया था. तनावपूर्ण स्थिति के बीच यह बात सामने आई है कि सीआरपीएफ ने दिल्ली पुलिस से जयशंकर की सुरक्षा का जिम्मा अपने हाथ में ले लिया है. सीआरपीएफ वर्तमान में विदेश मंत्री श्री एस जयशंकर, 69 को चौबीसों घंटे जेड श्रेणी की सुरक्षा प्रदान करता है. 


विदेश मंत्री की सुरक्षा वर्तमान में सीआरपीएफ कर्मियों की एक सशस्त्र टीम द्वारा की जा रही है. इस टीम में देश भर में उनके आवागमन और प्रवास के दौरान एक दर्जन से अधिक सशस्त्र कमांडो शामिल हैं. रिपोर्ट के अनुसार सीआरपीएफ भारत में 210 लोगों को वीआईपी सुरक्षा प्रदान करता है, जिसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, नितिन गडकरी शामिल हैं.


पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत की दृढ़ सैन्य प्रतिक्रिया के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर विदेश मंत्री की सुरक्षा को मजबूत करने का निर्णय लिया गया. 7 मई को शुरू हुए ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ढांचे को निशाना बनाया, जिसमें जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे समूहों से जुड़े लगभग 100 आतंकवादी मारे गए. रिपोर्ट के मुताबिक हमले के बाद, पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा और जम्मू-कश्मीर में सीमा पार से गोलाबारी की और साथ ही सीमा पर ड्रोन हमलों का प्रयास किया, जिसके कारण भारत ने समन्वित हमला किया, जिसमें 11 पाकिस्तानी हवाई ठिकानों पर रडार अवसंरचना, संचार केंद्र और हवाई क्षेत्र क्षतिग्रस्त हो गए. 10 मई को, भारत और पाकिस्तान के बीच शत्रुता समाप्त करने के लिए एक समझौते की घोषणा की गई. दोनों देशों के बीच युद्ध विराम समझौते के बाद से, घाटी और सीमावर्ती क्षेत्रों के आसपास स्थितियाँ बदलती रहती हैं.


अन्य आर्टिकल

फोटो गेलरी

रिलेटेड वीडियो

This website uses cookie or similar technologies, to enhance your browsing experience and provide personalised recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy. OK