Updated on: 17 March, 2025 10:09 AM IST | mumbai
Ranjeet Jadhav
मुंबई-अहमदाबाद राजमार्ग पर चारोटी के पास वन विभाग ने एक वाहन से 1,800 किलोग्राम खैर की लकड़ी जब्त की, जिसका इस्तेमाल गुटखा और पान में इस्तेमाल होने वाले कत्था के निर्माण में होता है.
जंगल में पीछा कर पकड़े गए तीनों आरोपियों के साथ वन अधिकारी
वन विभाग के अधिकारियों द्वारा मुंबई अहमदाबाद राजमार्ग पर चारोटी के पास खैर की लकड़ी (कैटेचू के पेड़) जब्त किए जाने के एक साल से भी कम समय बाद - मुंबई से 110 किलोमीटर उत्तर में - खैर की लकड़ी ले जा रहे एक और वाहन को जब्त किया गया है. अधिकारी इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या इस तरह की कटाई में कोई गिरोह शामिल है. खैर की लकड़ी की बहुत मांग है क्योंकि इसका इस्तेमाल `कत्था` बनाने में किया जाता है, जो पान और गुटखा में एक आवश्यक घटक है.
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वन विभाग की मांडवी रेंज की रेंज फॉरेस्ट ऑफिसर (RFO) रीता वैद्य को 11 मार्च को उनके मुखबिरों से सूचना मिली कि जल्द ही खैर की लकड़ी की अवैध कटाई और परिवहन शुरू होने वाला है. वैद्य ने कहा, "हमें मुखबिरों से सूचना मिली थी कि कुछ लोग खैर की लकड़ी काटकर ले जा रहे हैं और सूचना के आधार पर हमने रणनीति बनाई और सफले के पास पेनंद गांव और नांगमोदी गांव के बीच सड़क पर एक टीम तैनात की." वन विभाग की टीम 11 मार्च को रात 8.30 बजे से ही रणनीतिक स्थान पर तैनात थी.
"12 मार्च को सुबह करीब 4.50 बजे हमारी टीम ने लकड़ी ले जा रहे एक नीले रंग के टेम्पो को देखा. जरूरत पड़ने पर टेम्पो चालकों को सचेत करने के लिए इलाके में एक कार गश्त कर रही थी. हमारी टीम ने दोनों वाहनों का पीछा किया और पीछा करने के बाद चार आरोपियों को पकड़ लिया गया और हिरासत में ले लिया गया. हमने टेम्पो से 1,800 किलोग्राम से अधिक खैर की लकड़ी जब्त की है. भारतीय वन अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है और यह पता लगाने के लिए जांच जारी है कि क्या कोई बड़ा गिरोह शामिल है. गिरफ्तार आरोपी पहले से ही शाहपुर और दहानू वन प्रभाग में वांछित हैं," एक अन्य वन विभाग के अधिकारी ने कहा.
तीन आरोपी वन हिरासत में हैं, जबकि एक मजिस्ट्रेट हिरासत में है. खैर की लकड़ी सफाले वन क्षेत्र से काटी गई थी और उसे पडघा ले जाया जाना था. एक महीने पहले जवाहर वन प्रभाग ने दहानू वन प्रभाग के साथ मिलकर 15 टन से अधिक खैर की लकड़ी जब्त की थी. एक दशक से अधिक समय से कत्थे के पेड़ों की भारी मांग रही है क्योंकि गुटखा और पान मसाला में खैर का मुख्य घटक होता है. खैर को सड़क मार्ग से हरियाणा ले जाया जाता है.
कत्थे की कीमत
वन विभाग के एक अधिकारी ने मिड-डे को बताया कि कत्था बनाने से पहले खैर की लकड़ी से निकाली गई कठोर लकड़ी को कई प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है. पेड़ की लकड़ी का इस्तेमाल पारंपरिक दवाइयों के निर्माण में भी किया जाता है.
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