Updated on: 08 July, 2025 10:32 AM IST | Mumbai
Ujwala Dharpawar
आदित्य ठाकरे ने बीएमसी और महाराष्ट्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि कुर्ला आईटीआई में पिछले साल लगाए गए 9000 पेड़ों वाले शहरी जंगल को स्विमिंग पूल बनाने के लिए काटा जा रहा है.
Aaditya Thackeray, X/Pics
मुंबई में एक बार फिर पर्यावरण सुरक्षा को लेकर सवाल उठने लगे हैं. शिवसेना (UBT) के नेता आदित्य ठाकरे ने आरोप लगाया है कि बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) और महाराष्ट्र सरकार द्वारा बिना किसी अनुमति के कुर्ला आईटीआई में पिछले साल लगाए गए 9000 पेड़ों वाले शहरी जंगल को काटने की योजना बनाई जा रही है. उनका कहना है कि यह पेड़ स्विमिंग पूल बनाने के लिए काटे जाएंगे, जिससे पर्यावरण और शहर के नागरिकों के लिए एक गंभीर समस्या उत्पन्न हो सकती है.
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आदित्य ठाकरे ने कृष्णत पाटिल के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए इस मामले पर अपनी चिंता जाहिर की. ठाकरे ने बताया कि मंत्री लोढ़ा पिछले साल कुर्ला आईटीआई में लगाए गए 9000 पेड़ों वाले शहरी जंगल को काटने की योजना बना रहे हैं. इसके लिए @HPCL के सीएसआर फंड का इस्तेमाल किया गया था. ठाकरे ने यह भी कहा कि यह नया शहरी जंगल काटकर स्विमिंग पूल बनाने की कोशिश की जा रही है, जो प्रकृति के खिलाफ एक बड़ा कदम होगा. उन्होंने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री @byadavbjp से इस मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है, क्योंकि यह कदम पर्यावरण के लिए गंभीर नुकसान का कारण बन सकता है.
The news is, Minister Lodha wants to hack an urban forest of 9000 trees, planted last year in the Kurla ITI.
— Aaditya Thackeray (@AUThackeray) July 7, 2025
CSR funds of @HPCL were used for this.
Apparently @MPLodha wants to make a swimming pool by cutting down this new urban forest!
Urging Union Environment Minister… https://t.co/CBr3bEaGRN
कृष्णत पाटिल ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में बताया था कि पिछले साल कुर्ला आईटीआई में शहरी जंगल के रूप में लगाए गए 9000 पेड़ों को अब बिना किसी अनुमति के काटने की योजना बनाई जा रही है. उनका कहना है कि इन पेड़ों की कटाई से पर्यावरणीय संतुलन पर प्रतिकूल असर पड़ेगा. पाटिल ने बीएमसी, मुख्यमंत्री कार्यालय और पर्यावरण मंत्रालय से इस मामले में त्वरित कार्रवाई करने की अपील की है.
मुंबई के पर्यावरण प्रेमी और नागरिक इस निर्णय को लेकर आक्रोशित हैं. उनका मानना है कि यह कदम न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुँचाएगा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक बड़ा खतरा साबित हो सकता है. शहरी इलाकों में हरियाली और पेड़ों की उपस्थिति महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह वायु गुणवत्ता को बनाए रखने और तापमान को नियंत्रित करने में मदद करता है. पेड़ों की कटाई से शहर की हवा में प्रदूषण बढ़ेगा और जीवनदायिनी हरियाली का नुकसान होगा.
अब देखना यह है कि क्या सरकार और संबंधित अधिकारी इस मामले में हस्तक्षेप करेंगे और कुर्ला आईटीआई में पेड़ों की कटाई को रोकने के लिए कोई कदम उठाएंगे. फिलहाल, पर्यावरण के समर्थन में आवाज़ें तेज़ हो गई हैं और इस मुद्दे पर व्यापक चर्चा जारी है.
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