रेत से बनी इस सुंदर मूर्ति के साथ-साथ कलाकार ने रेत पर "भारत के संविधान निर्माता" यह संदेश भी उकेरा है, जो डॉ. अंबेडकर की सबसे बड़ी पहचान को रेखांकित करता है. (Pics: Atul Kamble)
इसके अलावा, रेत पर भारत के राष्ट्रीय प्रतीक अशोक चिह्न को भी खूबसूरती से दर्शाया गया है, जिससे यह कला रचना और भी प्रभावशाली बन गई है.
लक्ष्मी गौड़, जो सामाजिक और राष्ट्रीय विषयों पर आधारित रेत कला के लिए जानी जाती हैं, ने बताया कि यह मूर्ति उन्होंने विशेष रूप से अंबेडकर जयंती के अवसर पर बनाई है.
स्थानीय नागरिकों और अंबेडकर समर्थक ने भी इस कलाकृति की सराहना की और मूर्ति के साथ तस्वीरें खिंचवाईं. कई लोगों ने इसे सोशल मीडिया पर साझा कर डॉ. अंबेडकर को श्रद्धांजलि दी.
यह कला न केवल एक दृश्य सौंदर्य का उदाहरण है, बल्कि यह आज की पीढ़ी को अंबेडकर के विचारों और उनके संघर्षों की याद दिलाने का एक सार्थक माध्यम भी बन गई है.
इस प्रकार, जुहू तट पर बनी यह रेत मूर्ति न केवल कला का प्रतीक है, बल्कि यह भारतीय लोकतंत्र और सामाजिक न्याय की नींव रखने वाले महापुरुष को सच्ची श्रद्धांजलि भी है.
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