घटना के दौरान वर्षा गायकवाड और उनके साथियों के साथ कथित रूप से पुलिस द्वारा बल प्रयोग किया गया.
कुछ तस्वीरों और वीडियो में देखा जा सकता है कि पुलिस प्रदर्शनकारियों को पीछे धकेल रही है और कुछ कार्यकर्ताओं को जबरन हिरासत में ले रही है.
वर्षा गायकवाड ने आरोप लगाया कि उन्हें लाठी से मारा गया और पुलिस ने उन्हें जमीन पर गिरा दिया, जिससे उन्हें चोट आई है.
कांग्रेस का आरोप है कि सरकार विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए पुलिस का दुरुपयोग कर रही है.
पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि यह शांतिपूर्ण प्रदर्शन था, लेकिन सरकार के इशारे पर पुलिस ने कार्रवाई की.
प्रदर्शन के दौरान कई कांग्रेस नेताओं को हिरासत में लिया गया और उन्हें स्थानीय थानों में ले जाया गया.
घटना के बाद कांग्रेस नेताओं ने महाराष्ट्र सरकार और मुंबई पुलिस पर निशाना साधते हुए कहा कि यह लोकतंत्र की हत्या है.
उन्होंने मांग की है कि राज्य के गृह मंत्री और मुंबई पुलिस कमिश्नर को इस घटना के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए. साथ ही, इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए.
कांग्रेस ने साफ किया है कि वह ऐसे दमनकारी रवैये से न तो डरती है और न ही झुकेगी. पार्टी ने कहा कि वह सड़कों पर उतरकर लोकतंत्र और न्याय की लड़ाई जारी रखेगी.
इस बीच, मुंबई में कांग्रेस कार्यकर्ताओं की भारी भीड़ को देखते हुए सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ा दी गई है और ईडी कार्यालय के आसपास अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है. हालात फिलहाल नियंत्रण में हैं, लेकिन माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है.
ADVERTISEMENT