होम > मुंबई > मुंबई न्यूज़ > आर्टिकल > बाल ठाकरे स्मारक को मिली हरी झंडी, हाईकोर्ट ने सभी याचिकाएं की खारिज

बाल ठाकरे स्मारक को मिली हरी झंडी, हाईकोर्ट ने सभी याचिकाएं की खारिज

Updated on: 02 July, 2025 09:44 AM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

मुंबई हाईकोर्ट ने मेयर बंगले को शिवसेना संस्थापक बालासाहेब ठाकरे के स्मारक में बदलने के सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली सभी याचिकाएं खारिज कर दी हैं. कोर्ट के इस फैसले के बाद स्मारक निर्माण का रास्ता पूरी तरह साफ हो गया है.

Representational Image

Representational Image

मुंबई के प्रतिष्ठित मेयर बंगले को अब शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे के स्मारक में बदलने का रास्ता पूरी तरह साफ हो गया है. बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को एक अहम फैसला सुनाते हुए राज्य सरकार के उस निर्णय को बरकरार रखा, जिसमें मेयर बंगले को स्मारक में तब्दील करने का निर्णय लिया गया था. अदालत ने इस संबंध में दाखिल की गईं सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया, जिससे अब इस ऐतिहासिक परियोजना के लिए किसी भी तरह की कानूनी बाधा समाप्त हो गई है.

कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट रूप से कहा कि राज्य सरकार के फैसले को चुनौती देने का कोई ठोस या वैध आधार नहीं है. अदालत ने कहा कि बालसाहेब ठाकरे न सिर्फ महाराष्ट्र, बल्कि देश की राजनीति में एक बड़ा नाम रहे हैं और उनके नाम पर स्मारक बनाना जनहित में है. कोर्ट के अनुसार, मेयर बंगले की जगह स्मारक बनाना पूरी तरह सरकार का विशेषाधिकार है और इसमें कोई अवैधता या मनमानी नहीं दिखती.


गौरतलब है कि मुंबई के दादर इलाके में स्थित यह मेयर बंगला लंबे समय से विवाद का केंद्र रहा है. कई सामाजिक संगठनों और नागरिकों ने अदालत में याचिका दायर कर स्मारक के लिए बंगले को देने के सरकारी फैसले को चुनौती दी थी. याचिकाकर्ताओं का कहना था कि यह संपत्ति जनता के लिए आरक्षित है और उसका उपयोग स्मारक के रूप में करना सही नहीं होगा. हालांकि, अदालत ने सभी दलीलों को नामंजूर करते हुए कहा कि स्मारक के लिए दी जा रही जमीन सार्वजनिक हित के खिलाफ नहीं है.


सरकार ने दलील दी थी कि बाल ठाकरे का जीवन और योगदान ऐतिहासिक हैं, और उनके नाम पर स्मारक बनने से नई पीढ़ी को प्रेरणा मिलेगी. अदालत ने इस तर्क को स्वीकार किया और कहा कि शहर के महत्वपूर्ण स्थान पर ऐसा स्मारक बनाना पूरी तरह उचित है. कोर्ट के फैसले से शिवसेना समर्थकों और ठाकरे परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई है.
अब राज्य सरकार के पास स्मारक के लिए योजना को आगे बढ़ाने का पूरा अधिकार और मौका है, जिससे बालासाहेब ठाकरे की यादों को हमेशा के लिए संजोया जा सकेगा.


अन्य आर्टिकल

फोटो गेलरी

रिलेटेड वीडियो

This website uses cookie or similar technologies, to enhance your browsing experience and provide personalised recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy. OK