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27 मई को मनाई जाएगी शनि जयंती, जानें पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

Updated on: 02 May, 2025 10:02 AM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

शनि जयंती के दिन विशेष उपाय करने से शनि देव की कृपा प्राप्त होती है. पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं.

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शनि जयंती 2025 इस वर्ष 27 मई, मंगलवार को मनाई जाएगी. हिंदू पंचांग के अनुसार, यह दिन ज्येष्ठ माह की अमावस्या को आता है, जिसे शनि देव के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है. शनि देव को न्याय का देवता और कर्मफलदाता माना जाता है. शनि जयंती का विशेष महत्व इसलिए है क्योंकि इस दिन शनि देव की पूजा करने से शनि दोष, साढ़ेसाती और ढैय्या से राहत मिलती है और जीवन में सुख-शांति का वास होता है. इस दिन किए गए उपायों और पूजा से शनि देव की कृपा प्राप्त होती है और व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं.

शनि जयंती 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त


शनि जयंती इस साल 27 मई को मनाई जाएगी, जो कि मंगलवार के दिन आएगी. इस दिन अमावस्या तिथि का समापन सुबह 8:31 बजे होगा, जबकि इसका आरंभ 26 मई को दोपहर 12:11 बजे हुआ था. उदया तिथि के अनुसार, शनि जयंती का पर्व 27 मई को मनाया जाएगा, जो कि विशेष रूप से शनि देव की पूजा और उपासना का अवसर है.


शनि जयंती पर पूजा विधि

इस दिन शनि देव की पूजा करने से पहले प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनना चाहिए. पूजा स्थल पर एक लकड़ी के पट पर काला कपड़ा बिछाकर शनि देव की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें. फिर दीपक और धूप जलाकर शनि देव का पूजन करें. शनि देव को पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और शक्कर) से स्नान कराएं और उन्हें काले तिल, नीले या काले फूल अर्पित करें. इसके बाद "ॐ शं शनैश्चराय नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें. शनि चालीसा और शनि आरती का पाठ करें. पूजा के बाद शनि देव से अपने पापों की क्षमा मांगें और उनके आशीर्वाद से जीवन में समृद्धि और शांति की प्रार्थना करें.


शनि जयंती के उपाय

शनि जयंती के दिन विशेष उपाय करने से शनि देव की कृपा प्राप्त होती है. पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं. काले तिल, काले कपड़े, लोहे की वस्तुएं और छाता दान करें. काले कुत्ते को सरसों के तेल लगी रोटी खिलाएं और शिवलिंग पर काले तिल से अभिषेक करें. इसके अलावा, हनुमान चालीसा का पाठ भी शनि दोष को कम करने में मदद करता है.

इस दिन किए गए ये उपाय और पूजा विधि शनि दोष, साढ़ेसाती और ढैय्या से राहत दिलाते हैं और जीवन में शांति और समृद्धि लाते हैं.

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