Updated on: 01 July, 2025 02:00 PM IST | Mumbai
Ujwala Dharpawar
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने 5 जुलाई को होने वाली विजय सभा के आयोजन की पुष्टि करते हुए सोशल मीडिया पर एक पोस्ट जारी किया.
X/Pics, MNS Adhikrut - मनसे अधिकृत
फडणवीस सरकार द्वारा महाराष्ट्र में पहली कक्षा से हिंदी भाषा पढ़ाने के फैसले ने राजनीतिक हलचल मचा दी थी. इस फैसले का विपक्ष ने कड़ा विरोध किया और आरोप लगाया कि यह कदम महाराष्ट्र की संस्कृति और मराठी भाषा के खिलाफ है. इस विरोध को और तेज करते हुए महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे और शिवसेना के उद्धव ठाकरे ने 5 जुलाई को एक बड़ा विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान किया था.
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लेकिन, मानसून सत्र की पूर्व संध्या पर राज्य सरकार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर घोषणा की कि तीन-भाषा फॉर्मूले से जुड़े दोनों फैसले रद्द कर दिए गए हैं. सरकार के इस फैसले के बाद, ठाकरे गुट और मनसे ने अपने विरोध मार्च को रद्द कर दिया. हालांकि, ठाकरे ब्रैंड के मिल रहे भारी समर्थन को देखते हुए, दोनों नेताओं ने विरोध प्रदर्शन को रद्द करने के बावजूद 5 जुलाई को एक संयुक्त विजय सभा आयोजित करने का निर्णय लिया.
आवाज मराठीचा...! #विजय #मराठी #महाराष्ट्र #MNSAdhikrut pic.twitter.com/TjzV64X0WM
— MNS Adhikrut - मनसे अधिकृत (@mnsadhikrut) July 1, 2025
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे ने इस सभा के आयोजन की पुष्टि करते हुए अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल पर एक पोस्ट जारी किया. इस पोस्ट में उन्होंने मराठी में लिखा, "आवाज मराठीचा! मराठी मातांनो, भगिनींनो आणि बांधवांनो, सरकारला नमवलं का? तर हो नमवलं...! कोणी नमवलं तर ते तुम्ही, मराठी जनांनी नमवलं! आम्ही फक्त तुमच्या वतीने संघर्ष करत होतो. त्यामुळे हा आनंद साजरा करतानासुद्धा, आम्ही फक्त या मेळाव्याचे आयोजक आहोत, बाकी जल्लोष तुम्ही करायचा आहे. वाजत गाजत या, जल्लोषात, गुलाल उधळत या !! आम्ही वाट बघतोय...!"
राज ठाकरे ने इस पोस्ट के माध्यम से अपनी पार्टी के समर्थकों से 5 जुलाई को होने वाली विजय सभा में सक्रिय भागीदारी का आह्वान किया. इस सभा का आयोजन एनएससीआई डोम, वरळी में सुबह 10 बजे किया जाएगा, जिसमें उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के अलावा दोनों नेताओं के अन्य समर्थक भी शामिल होंगे.
ठाकरे ब्रैंड को मिलने वाले भारी समर्थन के चलते, यह सभा मराठी भाषा और संस्कृति के संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण प्रतीक बन गई है. इस विजय सभा का उद्देश्य यह दिखाना है कि मराठी जन अपनी मातृभाषा की रक्षा के लिए हमेशा संघर्ष करते रहेंगे.
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