प्रधानमंत्री मोदी का आभार प्रकट करते प्रभारी संत पूज्य ईश्वरचरणदास स्वामी.
नागर शैली में बना यह मंदिर भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच अटूट मैत्री का प्रतिबिम्ब है. इस आध्यात्मिक स्थल का आधार “वसुधैव कुटुम्बकम्” की भावना है.
उच्च शंखनाद और मधुर मंत्रोच्चारण के बीच प्रधानमंत्री मोदी ने पवित्र कुंड में जल अर्पण किया. मंदिर निर्माण में अपना महत्वपूर्ण समर्पण और योगदान देने वाले स्वयंसेवकों से प्रधानमंत्री मोदी ने भेंटवार्ता की.
प्रधानमंत्री ने इसके बाद उन बालकों को भी प्रोत्साहित किया जिन्होंने मंदिर के अनुपयोगी पत्थरों पर विभिन्न स्मृतिचिह्नों की रचना की थी. प्रधानमंत्री जी ने स्वयं उत्साहपूर्वक हथौड़े और छैनी से पाषाण पर “वसुधैव कुटुम्बकम्” अंकित किया.
इस अवसर पर संस्था के सद्गुरु संत एवं संस्था के अंतरराष्ट्रीय मामलों के प्रभारी संत पूज्य ईश्वरचरणदास स्वामी ने प्रधानमंत्री का आभार प्रकट किया.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के योगदान से आज इस मंदिर का साकार रूप विश्व को देखने को मिला है. प्रधानमंत्री मोदी इस संरचना से प्रारम्भ से ही संलग्न रहे.
इस अवसर पर शेख़ नाह्यान ने प्रधानमंत्री मोदी, महंत स्वामी महाराज तथा भारतीय नागरिकों का आभार प्रकट किया.
राष्ट्रपति महामहिम शेख मोहम्मद बिन जायद अल नह्यान को को भारतीय प्रधानमंत्री ने धन्यवाद किया. उन्होंने मोदी बताया कि प्रमुख स्वामी जी के इस मंदिर निर्माण के संकल्प से लेकर आज इसके साकार होने तक की यात्रा में वे इससे जुड़े रहे है. इस मंदिर निर्माण में संयुक्त अरब अमीरात की सरकार की भूमिका की जितनी तारीफ की जाए उतनी कम है. वर्ष 2015 में जब महामहिम राष्ट्रपति से मंदिर बनाने हेतु चर्चा का आरंभ हुआ.
बीएपीएस के अध्यक्ष परम पूज्य महंत स्वामी महाराज, जो एक विश्व विख्यात धर्मगुरु हैं. अपने संबोधन में आज के इस अवसर को ऐतिहासिक एवं अविस्मरणीय घटना बताया. उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के आगमन को और संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति तथा सहिष्णुता मंत्री के सहयोग को नमन किया.
इस अवसर पर देश विदेश के हज़ारों भक्त उपस्थित रहे.
इसमें विदेश मंत्री जयशंकरजी, भारत के राष्ट्रीय सलाहकार अजित दोवलजी, अभिनेता अक्षय कुमार और विवेक ओबेरोय शामिल थे.
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