ईवीएम में गड़बड़ी के मुद्दे पर विपक्ष ने आक्रामक रुख अपनाते हुए राज्यव्यापी आंदोलन की धमकी दी है.
गुरुवार को पुणे में विधान भवन के बाहर महाविकास अघाड़ी ने जोरदार प्रदर्शन किया. इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व शिवसेना (यूबीटी) की नेता सुषमा अंधारे ने किया.
अंधारे ने फड़णवीस सरकार पर हमला बोलते हुए कहा, "आज का शपथ ग्रहण जनता के जनमत का परिणाम नहीं है. यह सरकार ईवीएम की कृपा और वोटों की चोरी के जरिए बनी है. लोकतंत्र की यह हत्या है और हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे."
महाविकास अघाड़ी के तहत कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी), और एनसीपी के नेताओं ने इस प्रदर्शन में भाग लिया. कार्यकर्ताओं ने बैनर और पोस्टर लेकर "लोकतंत्र बचाओ" के नारे लगाए और चुनाव प्रक्रिया में ईवीएम की भूमिका पर सवाल खड़े किए. अंधारे ने कहा कि यह सरकार लोगों की इच्छाओं का प्रतिनिधित्व नहीं करती और इसे लोकतंत्र का मजाक बताया.
अंधारे ने अपने भाषण में महायुति सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा, "यह सरकार सत्ता की भूखी है और उसने जनभावनाओं के साथ विश्वासघात किया है. हम इस लड़ाई को विधान भवन से लेकर गांव-गांव तक लेकर जाएंगे. राज्य के हर नागरिक को यह बताना हमारा कर्तव्य है कि उनके वोटों की चोरी हुई है."
महाविकास अघाड़ी के नेताओं ने चुनावों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि वोटिंग प्रक्रिया में गड़बड़ी की गई है और स्वतंत्र जांच की मांग की है.
प्रदर्शनकारियों का यह भी कहना था कि बैलेट पेपर से चुनाव करवाए जाने चाहिए ताकि लोगों का विश्वास चुनाव प्रक्रिया में वापस लौट सके.
महाविकास अघाड़ी का यह विरोध प्रदर्शन सिर्फ पुणे तक सीमित नहीं रहने वाला. अंधारे ने घोषणा की है कि यह आंदोलन पूरे राज्य में फैलाया जाएगा. उन्होंने कहा कि फड़णवीस सरकार को हर मंच पर चुनौती दी जाएगी और राज्य के लोगों को इस मुद्दे से अवगत कराया जाएगा.
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