यह पल सिर्फ सांस्कृतिक जुड़ाव का नहीं, बल्कि राजनीतिक सौहार्द्र और एकजुटता का भी प्रतीक बन गया.
कार्यक्रम सावित्रीबाई फुले की जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया था, जो महिलाओं और दलितों की शिक्षा में अग्रणी थीं.
उनका योगदान भारतीय समाज में महिलाओं के अधिकारों और शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी माना जाता है. इस कार्यक्रम में विभिन्न सामाजिक और राजनीतिक संगठनों ने हिस्सा लिया और फुले के विचारों को सम्मानित किया.
सुप्रिया सुले और सुषमा अंधारे ने इस अवसर पर न केवल अपने विचार साझा किए, बल्कि पारंपरिक नृत्य `फुगड़ी` करके समारोह को एक जीवंत और खास रूप दिया.
फुगड़ी महाराष्ट्र का एक पारंपरिक लोकनृत्य है, जो उत्सवों और सामाजिक कार्यक्रमों में महिलाओं द्वारा किया जाता है. जब दो बड़े राजनीतिक दलों की महिला नेता—सुप्रिया सुले और सुषमा अंधारे—इस नृत्य में शामिल हुईं, तो यह राज्य की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने का प्रतीक बन गया.
यह दृश्य, महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी गठबंधन की तीनों पार्टियों—शिवसेना (यूबीटी), एनसीपी (एससीपी), और कांग्रेस—के बीच सहयोग और एकता को भी उजागर करता है. कार्यक्रम के दौरान दोनों नेताओं के `फुगड़ी` करते हुए तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं.
वीडियो और तस्वीरें वायरल होने के बाद अब जनता ने इसे बेहद सकारात्मक प्रतिक्रिया दी. इसे महाराष्ट्र की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और राजनीतिक नेताओं के बीच आपसी सामंजस्य का एक सुंदर उदाहरण बताया गया. सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने इस पल को न केवल नेताओं की सादगी और संस्कृति के प्रति सम्मान के रूप में देखा, बल्कि इसे महिला नेतृत्व के महत्व का प्रतीक भी माना. कई लोगों ने इसे राजनीति के गंभीर माहौल में एक ताजा और प्रेरणादायक बदलाव के रूप में सराहा.
सावित्रीबाई फुले जयंती पर सुप्रिया सुले और सुषमा अंधारे का `फुगड़ी` करना सिर्फ एक सांस्कृतिक क्षण नहीं था, बल्कि यह एक राजनीतिक संदेश भी था, जो एकता, सहयोग और महिलाओं के नेतृत्व को दर्शाता है. यह पल लंबे समय तक राज्य की सांस्कृतिक और राजनीतिक स्मृतियों में दर्ज रहेगा.
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