उद्धव ठाकरे ने बाबा आढाव से आंदोलन समाप्त करने की अपील की और अपने हाथों से उन्हें पानी पिलाकर उनका अनशन खत्म कराया.
अनशन समाप्त करने के बाद उद्धव ठाकरे ने बाबा आढाव के आंदोलन की प्रशंसा करते हुए इसे समाज के लिए प्रेरणादायक बताया. ठाकरे ने कहा, "कुछ लोग सोचते हैं कि ऐसे आंदोलन से क्या फर्क पड़ता है. लेकिन एक छोटी सी चिंगारी भी बड़ी आग लगाने का काम करती है और यह आंदोलन ऐसी ही चिंगारी है."
उन्होंने बाबा आढाव के प्रयासों को सराहा और कहा कि उन्होंने समाज में एक अहम मुद्दे को उठाकर लोगों को जागरूक किया है. इस मौके पर उद्धव ठाकरे ने ईवीएम और वीवीपैट पर भी अपनी चिंताएं जाहिर कीं.
उन्होंने कहा, "लोकतंत्र में हर व्यक्ति को यह जानने का अधिकार है कि उसका वोट कहां गया है. लेकिन वर्तमान प्रक्रिया में यह स्पष्ट नहीं है." ठाकरे ने वीवीपैट की रसीदों को लेकर सवाल उठाते हुए कहा, "अगर मुझे वीवीपैट की रसीद दिखती है, तो मैं उसकी गिनती क्यों नहीं करवा सकता?"
उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव प्रक्रिया को पारदर्शी और विश्वसनीय बनाने के लिए जरूरी है कि वीवीपैट की रसीदों की गिनती अनिवार्य की जाए. इससे लोकतंत्र में जनता का भरोसा मजबूत होगा.
बाबा आढाव ने अनशन समाप्त करने के बाद कहा कि उनका आंदोलन ईवीएम की पारदर्शिता और लोकतंत्र की रक्षा के लिए था. उन्होंने लोगों से अपील की कि वे लोकतांत्रिक अधिकारों के प्रति जागरूक रहें और जरूरत पड़ने पर शांतिपूर्ण तरीके से अपनी आवाज उठाएं.
ADVERTISEMENT