विधानभवन की सीढ़ियों पर विरोध प्रदर्शन करते हुए विपक्ष ने ईवीएम के उपयोग पर गंभीर सवाल उठाए.
विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे की अगुवाई में आयोजित इस विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस, राकांपा और शिवसेना (यूबीटी) के कई वरिष्ठ नेता और विधायक शामिल हुए. प्रमुख चेहरों में नाना पटोले, विजय वडेट्टीवार, अमित देशमुख, सतेज पाटिल, अनिल चौधरी, अभिजीत वंजारी, संजय मेश्राम, सचिन अहीर, सुधाकर अदबले, संदीप क्षीरसागर, रोहित पाटिल, वरुण सरदेसाई और जीतेंद्र आव्हाड शामिल थे.
उन्होंने सरकार पर लोकतंत्र के मूल्यों को कमजोर करने का आरोप लगाया.
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा, “ईवीएम लोकतंत्र और संविधान के लिए गंभीर खतरा है. हालिया विधानसभा चुनावों में वोटिंग में हुई गड़बड़ी ने हमें गहरा आघात दिया है. सरकार चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने में विफल रही है, जिससे लोकतंत्र कमजोर हो रहा है.”
विधायक जीतेंद्र आव्हाड ने आरोप लगाया कि वर्तमान राज्य सरकार ईवीएम के बल पर सत्ता में आई है. उन्होंने कहा, “हम ईवीएम का इस्तेमाल बंद करने और पारदर्शी चुनाव प्रणाली लागू करने के लिए यह लड़ाई आगे भी जारी रखेंगे.”
महाविकास अघाड़ी के विधायकों ने इस मुद्दे को विधानमंडल में जोरशोर से उठाने और सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है. विपक्ष ने स्पष्ट किया कि वे लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिए सड़क से लेकर सदन तक संघर्ष जारी रखेंगे.
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