गोवा का वसंत महोत्सव, शिगमो
शिगमो उत्सव का शुभारंभ 15 मार्च को फोंडा में होगा, इसके बाद 16 मार्च को मडगांव, 17 मार्च को केपे, 18 मार्च को कुर्चोरेम, 19 मार्च को शिरोदा, 20 मार्च को कलंगुट और बिचोलिम, 21 मार्च को वास्को तथा 22 मार्च को पणजी में आयोजन होगा. 23 मार्च को मापसा और सांगे में, 24 मार्च को काणकोण और कुंकळळी में भव्य शोभायात्राएं निकाली जाएंगी. इसके बाद, 25 मार्च को पेडणे, 26 मार्च को धारबंदोरा, 27 मार्च को वालपोई, 28 मार्च को संक्वेळे, और अंततः 29 मार्च को मांद्रे में यह भव्य उत्सव संपन्न होगा.
हर दिन अलग-अलग स्थानों पर होने वाले इस उत्सव में, पर्यटकों को गोवा के पारंपरिक त्योहारों की अनूठी झलक देखने को मिलेगी.
ढोल, ताशे जैसे पारंपरिक वाद्ययंत्रों की गूंज और पारंपरिक परिधानों में लोक कलाकारों की मंत्रमुग्ध कर देने वाली प्रस्तुतियां शिगमो उत्सव को यादगार बना देंगी.
गोवा के पर्यटन मंत्री श्री रोहन ए. खंवटे ने कहा, "शिगमो वह समय है जब गोवा की सांस्कृतिक पहचान लोक प्रस्तुतियों, संगीत और भव्य झांकियों के माध्यम से जीवंत हो उठती है.
यह पर्यटकों के लिए हमारी परंपराओं में घुलने-मिलने और गोवा की खूबसूरती को करीब से महसूस करने का एक सुनहरा अवसर है. हम सभी यात्रियों को इस अनूठे उत्सव का हिस्सा बनने और समुद्र तटों से परे गोवा के कई रंगों को खोजने के लिए आमंत्रित करते हैं."
पर्यटन निदेशक श्री केदार नाईक ने कहा, "शिगमो केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि गोवा की जीवंत परंपराओं और सामुदायिक भावना का प्रतिबिंब है. हर वर्ष यह उत्सव कलाकारों, प्रदर्शनकारियों और पर्यटकों को एक साथ लाकर हमारी समृद्ध विरासत का उत्सव मनाने का अवसर प्रदान करता है. हम सभी को इस भव्य आयोजन का अनुभव करने और गोवा को उसके सबसे रंगीन और हर्षोल्लास से भरे रूप में देखने के लिए आमंत्रित करते हैं."
गोवा सभी यात्रियों को आमंत्रित करता है कि वे शिगमो 2025 के भव्य आयोजन का हिस्सा बनें और इस सांस्कृतिक धरोहर को करीब से महसूस करें. शिगमो की उमंग से भरे वातावरण में, पर्यटक गोवा के मनोरम स्थलों, ऐतिहासिक धरोहरों और स्वादिष्ट व्यंजनों का भी आनंद ले सकते हैं. चाहे आप पहली बार गोवा आ रहे हों या फिर से इसकी खूबसूरती को महसूस करने के लिए लौट रहे हों, शिगमो का यह पर्व परंपरा और उत्सव का ऐसा संगम प्रस्तुत करता है, जिसकी यादें लंबे समय तक आपके साथ रहेंगी.
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