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एयरो इंडिया 2025 के दौरान पारस डिफेंस ने इस तरह बढ़ाई डिफेंस-टेक में अपनी क्षमता

Updated on: 13 February, 2025 09:15 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

इस इन्वेस्टमेंट के तहत, कंपनी 10 करोड़ रुपये में लगभग 8 फीसदी हिस्सेदारी हासिल करेगी.

तस्वीर/इसरो

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पारस डिफेंस एंड स्पेस टेक्नोलॉजीज लिमिटेड ("पारस डिफेंस") देश में डिफेंस एंड स्पेस सेक्टर की एक बड़ी कंपनी है, जिसने लॉजिक फ्रूट टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड ("लॉजिक फ्रूट") नाम की एक डीप-टेक कंपनी में स्ट्रैटेजिक इन्वेस्टमेंट की घोषणा की है. इस इन्वेस्टमेंट के तहत, कंपनी 10 करोड़ रुपये में लगभग 8 फीसदी हिस्सेदारी हासिल करेगी. 

एयरो इंडिया 2025 के दौरान यह घोषणा की गई, जो दुनिया में एयरोस्पेस एंड डिफेंस के बड़े एग्जीबिशंस में से एक है. इससे देश में अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी विकसित करने के भारत के पक्के इरादे को और मजबूती मिली है. यह R&D और महत्वपूर्ण टेक्नोलॉजी को विकसित करने पर ध्यान देती है, साथ ही एयरोस्पेस, डिफेंस, टेलीकम्युनिकेशंस तथा सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री के लिए मिशन-क्रिटिकल सिस्टम्स को डिजाइन करने में अहम भूमिका निभाती है. 


एयरो इंडिया 2025 के दौरान पारस डिफेंस के मैनेजिंग डायरेक्टर, श्री मुंजाल शरद शाह ने कहा: "इस इन्वेस्टमेंट से यह जाहिर होता है कि, हम भारत के डिफेंस और एयरोस्पेस टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में सबसे आगे रहने के अपने इरादे पर अटल हैं. हम साथ मिलकर, हाई-परफॉर्मेंस कंप्यूटिंग और डिफेंस टेक्नोलॉजी में अपनी सीमा से ज़्यादा कोशिश करने के साथ-साथ टेक्नोलॉजी में भारत को आत्मनिर्भर बनाना चाहते हैं."


लॉजिक फ्रूट ने डिफेंस रिसर्च आर्गेनाईजेशंस, एयरोस्पेस इनोवेटर्स और दुनिया के बड़े टेक लीडर्स के साथ मिलकर काम करते हुए 100 से अधिक बेमिसाल टेक्नोलॉजी सॉल्यूशंस उपलब्ध कराने में सफलता हासिल की है. कंपनी के क्लाइंट्स की सूची में इसरो, डीआरडीओ, और एचएएल के साथ-साथ कोलिन्स एयरोस्पेस (अमेरिका), कैंडो (स्विट्जरलैंड), लैटिस (अमेरिका) और एक्रोनिक्स (अमेरिका) जैसी दुनिया की कई दिग्गज कंपनियाँ शामिल हैं. 

रिसर्च पर आधारित प्रोडक्ट पोर्टफोलियो में सिंगल बोर्ड कंप्यूटर, आईएफ तथा आरएफ रिकॉर्डर, स्केलेबल डेटा ऐक्विज़िशन सिस्टम और एआई-संचालित एवियोनिक्स डिस्प्ले शामिल हैं — ये सभी आधुनिक एयरोस्पेस और डिफेंस में बेहद उपयोगी हैं. नई संभावनाओं के द्वार खुलेंगे, एडवांस्ड R&D से जुड़ी पहलों को बढ़ावा मिलेगा, साथ ही दोनों कंपनियों को भारत के डिफेंस टेक्नोलॉजी और हाई-परफॉर्मेंस कंप्यूटिंग क्षेत्र में सबसे आगे रहने में मदद मिलेगी.


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