Updated on: 18 June, 2025 08:15 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
फुटेज के मुताबिक, घटना 15 जून को सुबह 8:30 बजे की है, जब पुजारी प्रसाद चढ़ा रहे थे.
वायरल वीडियो का स्क्रीनशॉट (छवि: सोशल मीडिया)
उत्तर प्रदेश के फतेहपुर से एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है. इस घटना में कुछ श्रद्धालुओं ने एक मंदिर के पुजारी की पिटाई कर दी. सीसीटीवी फुटेज सामने आई है, जिसमें श्रद्धालु मंदिर परिसर में पुजारी की पिटाई करते नजर आ रहे हैं. फुटेज के मुताबिक, घटना 15 जून को सुबह 8:30 बजे की है, जब पुजारी प्रसाद चढ़ा रहे थे.
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इस दौरान एक श्रद्धालु कथित तौर पर प्रसाद में से दो अतिरिक्त लड्डू लेने पर पुजारी से नाराज हो गया. पुजारी और लोगों के बीच बहस शुरू हो गई और देखते ही देखते मारपीट हिंसक हो गई. लोगों ने पुजारी पर हमला कर दिया और इससे पहले कि वह कुछ कह पाता, लोगों ने उसके बाल खींचे और फिर उसे घूंसे और थप्पड़ मारने शुरू कर दिए. 65 सेकंड के इस वीडियो क्लिप में एक व्यक्ति पुजारी को पकड़े हुए है, जबकि दूसरा व्यक्ति उसे पीट रहा है.
उत्तर प्रदेश –
— Sachin Gupta (@SachinGuptaUP) June 18, 2025
जिला फतेहपुर में पुजारी जी ने प्रसाद से 2 लड्डू ज्यादा निकाल लिए तो भक्तों ने उनकी कुटाई कर दी। पुलिस ने FIR दर्ज कर ली है।@bnetshukla pic.twitter.com/OvhOmaCiam
कुछ महिलाओं को बीच-बचाव करते और पुरुषों को पुजारी पर हमला करने से रोकने की कोशिश करते देखा जा सकता है, लेकिन उनके प्रयास व्यर्थ रहे. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर वायरल हुए वीडियो पर फतेहपुर पुलिस ने प्रतिक्रिया दी है. पुलिस ने बताया कि इस मामले में खागा थाने में प्राप्त लिखित सूचना के आधार पर सुसंगत धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर नियमानुसार आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जा रही है.
भारत और पाकिस्तान के बीच मौजूदा स्थिति पर जोर देते हुए शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने मंगलवार को घोषणा की कि इस साल महाराजा रणजीत सिंह की पुण्यतिथि मनाने के लिए कोई भी सिख तीर्थयात्री समूह पड़ोसी देश की यात्रा नहीं करेगा. एसजीपीसी के अधिकारी हरभजन सिंह वक्ता ने कहा कि 22 अप्रैल को पहलगाम हमले और 7 मई को भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा किए गए ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच मौजूदा कूटनीतिक स्थिति के कारण यह निर्णय लिया गया है.
महाराजा रणजीत सिंह 19वीं सदी में सिख साम्राज्य के पहले राजा थे. उन्हें लोकप्रिय रूप से `शेर-ए-पंजाब` के नाम से जाना जाता है. महाराजा रणजीत सिंह का जन्म 13 नवंबर, 1780 को बुदरूखान या गुजरांवाला (अब पाकिस्तान में) में हुआ था और 27 जून, 1839 को लाहौर (अब पाकिस्तान में) में उनकी मृत्यु हो गई थी. सिख मान्यताओं के अनुसार, उन्होंने 40 साल तक पंजाब पर शासन किया. ऐसा कहा जाता है कि महाराजा रणजीत सिंह ने मुगलों के खिलाफ लड़ाई लड़ी और लाहौर पर भी विजय प्राप्त की. इसके अलावा, उनके समय में धार्मिक सहिष्णुता को बढ़ावा दिया गया, क्योंकि उनके कई महत्वपूर्ण मंत्री मुस्लिम थे.
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