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छत्तीसगढ़ में केरलपेंडा माओवाद मुक्त, 16 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

Updated on: 02 June, 2025 04:50 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

पुलिस ने बताया कि सोमवार को आत्मसमर्पण करने वालों में 25 लाख रुपये के सामूहिक नकद इनाम वाले छह नक्सली भी शामिल हैं.

छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में सोमवार को आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में 25 लाख रुपये का इनाम रखने वाले छह नक्सली शामिल हैं। पुलिस ने बताया कि सोमवार को आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में छह नक्सली शामिल हैं जिन पर कुल 25 लाख रुपये का इनाम था. प्रतीकात्मक तस्वीर/फ़ाइल

छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में सोमवार को आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में 25 लाख रुपये का इनाम रखने वाले छह नक्सली शामिल हैं। पुलिस ने बताया कि सोमवार को आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में छह नक्सली शामिल हैं जिन पर कुल 25 लाख रुपये का इनाम था. प्रतीकात्मक तस्वीर/फ़ाइल

पुलिस ने बताया कि सोमवार को छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में सोलह नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार इनमें से नौ नक्सली केरलपेंडा गांव के थे और उनके आत्मसमर्पण के बाद गांव अब माओवाद-मुक्त हो गया है. पुलिस ने बताया कि सोमवार को आत्मसमर्पण करने वालों में 25 लाख रुपये के सामूहिक नकद इनाम वाले छह नक्सली भी शामिल हैं. इनमें से नौ नक्सली चिंतलानार पुलिस थाने की सीमा के अंतर्गत केरलपेंडा ग्राम पंचायत के थे. एक अधिकारी ने बताया कि इस आत्मसमर्पण के साथ ही गांव नक्सलवाद-मुक्त हो गया है. अब यह गांव राज्य सरकार की नई योजना के तहत एक करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का पात्र हो गया है. 

रिपोर्ट के मुताबिक सुकमा के पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण ने बताया कि एक महिला समेत सभी 16 नक्सलियों ने वरिष्ठ पुलिस और सीआरपीएफ अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया. उन्होंने माओवादियों की "खोखली" और "अमानवीय" विचारधारा और स्थानीय आदिवासियों पर उग्रवादियों के अत्याचारों से निराशा जताते हुए आत्मसमर्पण किया. समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारी ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार की `नियाद नेल्लनार` (आपका अच्छा गांव) योजना से भी कार्यकर्ता प्रभावित हुए, जिसका उद्देश्य दूरदराज के गांवों में विकास कार्यों को सुविधाजनक बनाना है, और राज्य की नई आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति भी.


उन्होंने बताया कि आत्मसमर्पण करने वालों में रीता उर्फ डोडी सुक्की (36), एक महिला जो माओवादियों की केंद्रीय क्षेत्रीय समिति (सीआरसी) कंपनी नंबर 2 की सदस्य के रूप में सक्रिय थी, और राहुल पुनेम (18), माओवादियों की पीएलजीए बटालियन नंबर 1 के भीतर एक पार्टी सदस्य, पर 8-8 लाख रुपये का इनाम था. रिपोर्ट के अनुसार इसके अलावा, लेकम लखमा (28) पर 3 लाख रुपये का इनाम था, जबकि तीन और कैडरों पर 2-2 लाख रुपये का इनाम था.उन्होंने बताया कि राज्य सरकार की एलवाड पंचायत योजना के अनुसार, गांव को विकास कार्यों के लिए 1 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी.


यह योजना नई छत्तीसगढ़ नक्सल आत्मसमर्पण/पीड़ित राहत एवं पुनर्वास नीति-2025 के तहत शुरू की गई है. इसमें उन ग्राम पंचायतों के लिए 1 करोड़ रुपये के विकास कार्यों को मंजूरी देने का प्रावधान है जो अपने क्षेत्र में सक्रिय नक्सलियों के आत्मसमर्पण में मदद करते हैं और उन्हें माओवाद-मुक्त घोषित करने का प्रस्ताव पारित करते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक राज्य सरकार द्वारा हाल ही में इस योजना को शुरू किए जाने के बाद नक्सल समस्या से मुक्त होने वाली यह जिले की दूसरी ऐसी ग्राम पंचायत है.अप्रैल में, बड़ेसट्टी को नक्सल-मुक्त घोषित किया गया था, जब वहां के सभी 11 निचले स्तर के नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था. एसपी ने कहा कि आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सलियों को 50-50 हजार रुपये की सहायता प्रदान की गई और सरकार की नीति के अनुसार उनका पुनर्वास किया जाएगा. पिछले साल, राज्य के बस्तर क्षेत्र में 792 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया था, जिसमें सुकमा सहित सात जिले शामिल हैं.


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