होम > न्यूज़ > नेशनल न्यूज़ > आर्टिकल > महाराष्ट्र के स्कूलों में बच्चों को मिलेगा सैनिकों जैसा प्रशिक्षण, शिक्षा मंत्री दादा भुसे ने किया ऐलान

महाराष्ट्र के स्कूलों में बच्चों को मिलेगा सैनिकों जैसा प्रशिक्षण, शिक्षा मंत्री दादा भुसे ने किया ऐलान

Updated on: 03 June, 2025 11:32 AM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

महाराष्ट्र के स्कूली शिक्षा मंत्री दादा भुसे ने घोषणा की है कि राज्य में कक्षा 1 से ही छात्रों को बुनियादी सैन्य प्रशिक्षण दिया जाएगा. इस पहल का उद्देश्य देशभक्ति, अनुशासन और शारीरिक फिटनेस की भावना को बढ़ावा देना है.

Representational Image

Representational Image

महाराष्ट्र सरकार ने राज्य के स्कूली छात्रों को छोटी उम्र से ही अनुशासन, देशभक्ति और शारीरिक फिटनेस की दिशा में तैयार करने के उद्देश्य से एक अहम कदम उठाया है. राज्य के स्कूली शिक्षा मंत्री दादा भुसे ने घोषणा की है कि अब राज्य में पहली कक्षा से ही छात्रों को बुनियादी सैन्य प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा. इस कदम का उद्देश्य छात्रों में देश के प्रति प्रेम, अनुशासन और नियमित व्यायाम की आदतों को विकसित करना है.

भुसे ने बताया कि इस प्रशिक्षण के लिए सरकार सेवानिवृत्त सैनिकों की मदद लेगी, जो अपने अनुभवों और अनुशासन के बल पर छात्रों को प्रशिक्षित करेंगे. इस प्रकार का प्रशिक्षण छात्रों के शारीरिक और मानसिक विकास के साथ-साथ उनके चरित्र निर्माण में भी सहायक सिद्ध होगा.


मंत्री ने कहा, "छात्रों को कक्षा 1 से ही सैन्य अनुशासन, आत्म-रक्षा, सामूहिक क्रियाएं और राष्ट्रभक्ति से जुड़ी गतिविधियों का हिस्सा बनाया जाएगा. इससे उनमें जिम्मेदारी और आत्म-विश्वास की भावना का भी विकास होगा."


इस पहल को लागू करने के लिए शिक्षा विभाग राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी), स्काउट्स और गाइड्स के साथ समन्वय करेगा. इसके अलावा राज्य में उपलब्ध करीब 2.5 लाख पूर्व सैनिकों की सेवाएं ली जाएंगी, जो इस काम में महत्त्वपूर्ण योगदान देंगे. इन प्रशिक्षकों के माध्यम से स्कूलों में समय-समय पर कैंप आयोजित किए जाएंगे, जिनमें छात्रों को बुनियादी ड्रिल, योग, समूह अनुशासन और स्वच्छता से जुड़ी गतिविधियों में भाग लेने का अवसर मिलेगा.

इस योजना को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने इसे राष्ट्र निर्माण के दृष्टिकोण से एक सराहनीय पहल करार दिया है और इसके क्रियान्वयन में पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया है.


हालांकि, कुछ शिक्षाविद और अभिभावक समूहों ने यह सवाल भी उठाया है कि क्या इस उम्र में बच्चों पर सैन्य अनुशासन का प्रभाव सकारात्मक रहेगा या नहीं. लेकिन सरकार का मानना है कि यह प्रशिक्षण केवल शारीरिक अनुशासन और देशभक्ति से प्रेरित होगा, न कि किसी प्रकार की कठोर सैन्य प्रवृत्तियों को थोपने वाला.

इस नई नीति के लागू होने से महाराष्ट्र देश का पहला ऐसा राज्य बन सकता है जो प्राथमिक शिक्षा स्तर पर ही सैन्य प्रशिक्षण की नींव रखने जा रहा है. आने वाले समय में यह योजना एक मॉडल के रूप में अन्य राज्यों के लिए भी प्रेरणा बन सकती है.

अन्य आर्टिकल

फोटो गेलरी

रिलेटेड वीडियो

This website uses cookie or similar technologies, to enhance your browsing experience and provide personalised recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy. OK