Updated on: 12 April, 2025 12:59 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
उन्होंने कहा कि भारत की सबसे प्रतिष्ठित कथक उस्ताद पद्म भूषण कुमुदिनी लाखिया का 97 वर्ष की आयु में निधन हो गया है.
कुमुदिनी लाखिया
देश की प्रतिष्ठित और नृत्य जगत की कथक उस्ताद पद्म भूषण कुमुदिनी लाखिया ने संसार से विदा ले ली. उनके निधन की पुष्टि आरजे देवकी ने अपनी पोस्ट में की है. उन्होंने कथक कला की महान विभूति को श्रद्धांजलि अर्पित की है. उन्होंने कहा कि भारत की सबसे प्रतिष्ठित कथक उस्ताद पद्म भूषण कुमुदिनी लाखिया का 97 वर्ष की आयु में निधन हो गया है.
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आरजे देवकी ने लिखा, `वे अपने पीछे न केवल एक विरासत छोड़ गईं बल्कि भारतीय शास्त्रीय नृत्य की आत्मा में एक जीवंत लय भी छोड़ गईं. उन्होंने केवल नृत्य ही नहीं किया… उन्होंने कथक की नई कल्पना की. अदालतों से लेकर वैश्विक मंचों तक, परंपरा से लेकर निडर नवाचार तक - उन्होंने हर प्रदर्शन को कविता में बदल दिया".
उन्होंने कहा, `कदंब नृत्य केंद्र की संस्थापक, पीढ़ियों की मार्गदर्शक, पद्म श्री, पद्म भूषण, संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार और अनगिनत वैश्विक सम्मानों से सम्मानित - कुमुदिनी लाखिया केवल एक नर्तकी नहीं थीं, वे एक आंदोलन थीं. आज, कथक मौन में खड़ा है. लेकिन उनके घुंघरू हर लय, हर मंच, हर दिल में गूंजेंगे जो अलग तरह से नृत्य करने की हिम्मत रखते हैं. आराम से विश्राम करें, कुमुदिनीबेन. आपने हमें नहीं छोड़ा…आपने हमें मंत्रमुग्ध कर दिया".
अहमदाबाद की प्रख्यात कथक गायिका कुमुदिनी लाखिया को प्रदर्शन कला के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया गया, लाखिया ने कहा था कि उन्हें इस सम्मान से बहुत खुशी हुई है. उन्होंने कहा, "दशकों के काम का परिणाम इस पुरस्कार में मिला है. मुझे खुशी है कि हमने भारतीय नृत्य को नई पीढ़ी के सामने लाया है." लाखिया पद्म श्री और पद्म भूषण के साथ-साथ संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार भी प्राप्त कर चुकी हैं.
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