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इसरो ने अपने 100वें लॉन्च के साथ रचा इतिहास, सैटेलाइट सिस्टम को अपडेट करने में करेगा मदद

Updated on: 29 January, 2025 04:44 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

GSLV-F15 भारत के जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (GSLV) की 17वीं उड़ान और स्वदेशी क्रायो स्टेज के साथ 11वीं उड़ान है.

चित्र/X

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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सुबह 6:23 बजे NVS-02 को ले जाने वाले अपने GSLV-F15 को सफलतापूर्वक लॉन्च किया. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार यह देश के अंतरिक्ष केंद्र से ISRO का 100वां प्रक्षेपण है. GSLV-F15 भारत के जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (GSLV) की 17वीं उड़ान और स्वदेशी क्रायो स्टेज के साथ 11वीं उड़ान है. यह स्वदेशी क्रायोजेनिक स्टेज के साथ GSLV की 8वीं ऑपरेशनल उड़ान है. GSLV-F15 पेलोड फेयरिंग एक धातु संस्करण है जिसका व्यास 3.4 मीटर है.

रिपोर्ट के मुताबिक इसरो ने एक बयान में कहा कि स्वदेशी क्रायोजेनिक स्टेज वाला GSLV-F15 NVS-02 उपग्रह को जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट में स्थापित करेगा. इससे पहले मंगलवार को अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र (एसएसी)/इसरो के निदेशक नीलेश देसाई ने कहा कि प्रक्षेपण से भारत के क्षेत्रीय नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम को 4 से 5 उपग्रहों में अपडेट करने में मदद मिलेगी.


देसाई ने कहा, "हम सुबह 6:23 बजे इस GSLV-F-15 मिशन को लॉन्च करने जा रहे हैं, जो NVS-02 उपग्रह को कक्षा में ले जाएगा. अंत में, इसे 36,000 किलोमीटर की दूरी पर भूस्थिर कक्षा में रखा जाएगा और यह हमारे नेविगेशन नक्षत्र के उपग्रहों की संख्या को 4 से बढ़ाकर 5 कर देगा और इससे इस नेविगेशन उपग्रह से हमें मिलने वाली स्थिति की समग्र सटीकता में सुधार होगा." रिपोर्ट के अनुसार भारतीय क्षेत्रीय नेविगेशन उपग्रह प्रणाली (IRNSS) उपग्रह नक्षत्र के हिस्से के रूप में सात उपग्रह कक्षा में होंगे. देसाई ने कहा, "यह परिचालन नाविक उपग्रहों की श्रृंखला में 5वाँ है. नाविक उपग्रह हमारा पहले नामित IRNSS उपग्रह विन्यास है जिसे भारतीय क्षेत्रीय नेविगेशन उपग्रह प्रणाली कहा जाता है, यह इस उपग्रह नक्षत्र का एक हिस्सा है जहाँ हम सात उपग्रह रखेंगे. पुराने उपग्रहों को उपग्रहों की एक नई श्रृंखला से बदला जा रहा है".


भारत की स्वतंत्र क्षेत्रीय नेविगेशन सैटेलाइट प्रणाली, नेविगेशन विद इंडियन कांस्टेलेशन (NavIC) का निर्माण भारत और भारतीय भूभाग से लगभग 1500 किलोमीटर दूर तक फैले क्षेत्र में उपयोगकर्ताओं को सटीक स्थिति, वेग और समय (PVT) सेवाएँ प्रदान करने के लिए किया गया था. रिपोर्ट के मुताबिक मानक स्थिति सेवा (SPS) और प्रतिबंधित सेवा (RS) दो सेवा श्रेणियाँ हैं जो NavIC प्रदान करेगी. सेवा क्षेत्र में, NavIC का SPS 20 मीटर से अधिक की स्थिति सटीकता और 40 नैनोसेकंड से अधिक की समय सटीकता प्रदान करता है.


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