Updated on: 01 February, 2025 03:01 PM IST | Mumbai
Ujwala Dharpawar
महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने केंद्रीय बजट 2025 की आलोचना करते हुए इसे दिशाहीन और आंकड़ों की भूलभुलैया बताया.
X/Pics, Nana Patole
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने कार्यकाल का आठवां बजट पेश किया, जिसमें कई बड़े दावे किए गए. हालांकि, महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नाना पटोले ने इस बजट को आंकड़ों की भूलभुलैया और अव्यवस्थित करार दिया. उन्होंने कहा कि इस बजट में किसानों, व्यापारियों और आम जनता के लिए कोई ठोस राहत नहीं दी गई है, जिससे वे पूरी तरह निराश हैं.
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किसानों के लिए कोई राहत नहीं
नाना पटोले ने कहा कि देश का किसान लंबे समय से कृषि उत्पादों के लिए गारंटीकृत मूल्य की मांग कर रहा है, लेकिन बजट में इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया. महाराष्ट्र में किसानों की आत्महत्या की घटनाएं सबसे अधिक हैं, इसके बावजूद ऋण माफी की कोई घोषणा नहीं की गई. किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा 3 लाख से 5 लाख करने की घोषणा भी महज एक दिखावा है, क्योंकि इससे किसानों को कोई विशेष लाभ नहीं मिलेगा.
बेरोजगारी और महंगाई पर कोई ठोस नीति नहीं
पटोले ने बजट में रोजगार सृजन को लेकर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि महंगाई लगातार बढ़ रही है, बेरोजगारी चरम पर है और सरकार ने इस दिशा में कोई ठोस नीति नहीं बनाई. 2014 में हर साल दो करोड़ नौकरियों का वादा किया गया था, लेकिन पिछले 11 सालों में बेरोजगारी दर 45 वर्षों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है. मनरेगा जैसी रोजगार गारंटी योजना के बजट में भी कटौती कर दी गई है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों के गरीबों को सबसे अधिक नुकसान होगा.
मध्यम वर्ग और श्रमिकों को भी राहत नहीं
आयकर सीमा 12 लाख रुपये करने की घोषणा को भी कांग्रेस ने भ्रामक बताया. पटोले ने कहा कि यह फैसला राजनीतिक दबाव में लिया गया और इसे लेकर सरकार ने स्पष्टता नहीं दी है. मध्यम वर्ग और श्रमिकों को इस बजट से कोई खास राहत नहीं मिली. वहीं, जीएसटी दरों में कोई कमी नहीं की गई, जिससे आम जनता को महंगाई से राहत नहीं मिलेगी.
स्वास्थ्य और शिक्षा को नजरअंदाज किया गया
पटोले ने कहा कि बजट में स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों के लिए पर्याप्त प्रावधान नहीं किया गया. सरकारी अस्पतालों और स्कूलों की स्थिति सुधारने के लिए कोई ठोस नीति नहीं बनाई गई. इससे आम जनता को मूलभूत सुविधाएं प्राप्त करने में कठिनाई होगी.
बिहार को प्राथमिकता, महाराष्ट्र की अनदेखी
नाना पटोले ने बजट में बिहार का विशेष रूप से उल्लेख किए जाने पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि चूंकि बिहार में विधानसभा चुनाव निकट हैं, इसलिए वित्त मंत्री ने राजनीतिक फायदे के लिए बिहार को प्राथमिकता दी, जबकि महाराष्ट्र सहित अन्य राज्यों को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया.
शेयर बाजार की नकारात्मक प्रतिक्रिया
पटोले ने कहा कि बजट पेश होने के तुरंत बाद शेयर बाजार की नकारात्मक प्रतिक्रिया स्पष्ट संकेत है कि यह बजट निवेशकों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा. बाजार में गिरावट यह दर्शाती है कि निवेशकों का इस बजट पर विश्वास नहीं है.
उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर यह बजट जनता को राहत देने के बजाय उन्हें और अधिक कठिनाइयों में डालने वाला है. सरकार ने बड़े-बड़े दावे तो किए, लेकिन जमीनी हकीकत को पूरी तरह से अनदेखा कर दिया.
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