Updated on: 13 February, 2025 08:28 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
पूरे देश की निगाहें टिकी थीं. मिली जानकारी के मुताबिक, मणिपुर के नए मुख्यमंत्री के चेहरे पर राज्य के बीजेपी विधायकों के बीच सहमति नहीं बन पाई.
छवि सौजन्य: मुख्यमंत्री कार्यालय, मणिपुर
डेढ़ साल से हिंसा से जूझ रहे मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने तीन दिन पहले इस्तीफा दे दिया था. उनके इस्तीफे के बाद अटकलें तेज हो गई थीं कि मणिपुर का नया मुख्यमंत्री कौन होगा. पूरे देश की निगाहें इस पर टिकी थीं. मिली जानकारी के मुताबिक, मणिपुर के नए मुख्यमंत्री के चेहरे पर राज्य के बीजेपी विधायकों के बीच सहमति नहीं बन पाई. नए नेता के चुनाव के लिए पार्टी की कई बैठकें हुईं.
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मणिपुर के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के तीन दिन बाद एन बीरेन सिंह के उत्तराधिकारी पर कोई सहमति नहीं होने के कारण, भाजपा नेता बुधवार को आम सहमति पर पहुंचने के लिए नए सिरे से प्रयास कर रहे थे, क्योंकि हिंसा प्रभावित राज्य पर राष्ट्रपति शासन का खतरा मंडरा रहा था. संविधान के अनुच्छेद 174(1) में कहा गया है कि राज्य विधानसभाओं को उनकी आखिरी बैठक के छह महीने बाद बुलाया जाना चाहिए.
मणिपुर के मामले में, आखिरी सत्र 12 अगस्त, 2024 को था और विधानसभा बुलाने की समय सीमा बुधवार थी. रविवार को मुख्यमंत्री सिंह के इस्तीफे के बाद मणिपुर के राज्यपाल अजय भल्ला ने सोमवार से शुरू होने वाला बजट सत्र रद्द कर दिया. बीजेपी के पूर्वोत्तर प्रभारी संबित पात्रा इंफाल में पार्टी विधायकों के साथ चर्चा कर रहे हैं, लेकिन सूत्रों ने कहा कि मंगलवार को सफलता के शुरुआती संकेत के बावजूद अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है.
पात्रा और कई अन्य भाजपा नेताओं ने मंगलवार और बुधवार को फिर से भल्ला से मुलाकात की और पार्टी सूत्रों ने संकेत दिया कि उन्होंने राज्यपाल को सूचित किया था कि उन्हें बीरेन सिंह के प्रतिस्थापन पर निर्णय लेना बाकी है. सभी की निगाहें अब राज्यपाल भल्ला पर हैं, जिन्हें यह तय करना होगा कि राष्ट्रपति शासन लगाया जाए या नहीं. सूत्रों ने कहा कि अगले मुख्यमंत्री का फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भारत लौटने के बाद किया जा सकता है.
बीरेन सिंह ने रविवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया, इससे एक दिन पहले कि उनकी सरकार को अविश्वास प्रस्ताव और फ्लोर टेस्ट का सामना करना पड़ेगा. लीक हुए ऑडियो टेप के आधार पर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका भी दायर की गई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि बीरेन सिंह ने हिंसा भड़काई थी.
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