यह प्रदर्शन केंद्रीय गृह मंत्री द्वारा भारतीय संविधान निर्माता डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के प्रति कथित अपमानजनक बयान और परभणी में संविधान की प्रति तोड़फोड़ के बाद उत्पन्न आक्रोश के चलते किया गया.
वर्षा गायकवाड़ ने आंदोलन के दौरान कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा दिए गए बयान ने न केवल डॉ. आंबेडकर के प्रति अनादर व्यक्त किया है, बल्कि भारतीय संविधान के मूल्यों को भी ठेस पहुंचाई है.
उन्होंने जोर देकर कहा, "हम बाबासाहेब का अपमान सहन नहीं करेंगे. अमित शाह को माफी मांगनी ही होगी."
उन्होंने परभणी की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि वहां संविधान की प्रति को तोड़फोड़ कर निषेध करने वाले एक युवक को पुलिस ने हत्या कर दिया. यह घटना सरकार की संवेदनहीनता और अन्यायपूर्ण रवैये को उजागर करती है.
वर्षा गायकवाड़ ने इन दोनों ही घटनाओं पर सरकार की चुप्पी और माफी न मांगने के रवैये को आड़े हाथों लिया.
उन्होंने आगे कहा कि मौजूदा सरकार न केवल भ्रष्टाचार में डूबी है, बल्कि नैतिक और सामाजिक मूल्यों के प्रति भी दिवालिया हो चुकी है.
उन्होंने इसे "मनुवादी सरकार" करार देते हुए कहा कि ऐसे शासन के खिलाफ कांग्रेस का आंदोलन जारी रहेगा.
कांग्रेस पार्टी ने यह आंदोलन बाबा साहेब आंबेडकर और संविधान के सम्मान के लिए लड़ने की प्रतिबद्धता के रूप में किया है.
वर्षा गायकवाड़ ने आंदोलन के दौरान संविधान की रक्षा और सामाजिक न्याय के लिए आवाज उठाने की आवश्यकता पर जोर दिया.
इस आंदोलन ने मुंबई में राजनीतिक माहौल गरमा दिया है और केंद्र सरकार पर दबाव बढ़ाने का संकेत दिया है.
कांग्रेस ने स्पष्ट कर दिया है कि वह ऐसे मुद्दों पर पीछे नहीं हटेगी और संविधान की रक्षा के लिए हरसंभव प्रयास करेगी.
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