विपक्षी नेताओं ने सोलापुर के मालशिरस विधानसभा क्षेत्र के मरकडवाड़ी गांव में कर्फ्यू और ग्रामीणों की गिरफ्तारी पर भी आपत्ति जताई. (Pics/Sayyed Sameer Abedi)
ग्रामीणों ने मतपत्रों के उपयोग से पुनः मतदान की मांग की थी. इस घटना को लेकर एमवीए नेताओं ने चुनाव आयोग पर निष्पक्षता में चूक का आरोप लगाया.
राज्य विधानमंडल का विशेष सत्र सुबह 11 बजे शुरू हुआ, जिसमें मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार सहित सत्तारूढ़ गठबंधन के कई विधायकों ने शपथ ली.
इसके विपरीत, कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (एसपी) जैसे विपक्षी दलों के सदस्यों ने सदन में शपथ लेने से परहेज किया.
शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख नेता आदित्य ठाकरे ने विधान भवन परिसर में पत्रकारों से बातचीत में कहा, “हमने सदन के सदस्य के रूप में आज शपथ नहीं लेने का फैसला किया है. जब कोई सरकार इतने बड़े बहुमत से सत्ता में आती है, तो जश्न मनाया जाता है. लेकिन सवाल यह उठता है कि यह जनादेश जनता का है या ईवीएम और चुनाव आयोग का.”
ठाकरे ने कहा, “हमने चुनाव आयोग की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाए हैं. जनता में ईवीएम को लेकर जो संदेह है, उसे देखते हुए हमने शपथ नहीं लेने का फैसला किया.”
उन्होंने आगे कहा कि विपक्ष ग्रामीणों के विरोध को लेकर सरकार की दमनकारी कार्रवाई का भी विरोध करेगा.
गौरतलब है कि 20 नवंबर को हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा, शिवसेना और एनसीपी के महायुति गठबंधन ने 288 में से 230 सीटें जीतकर सत्ता बरकरार रखी.
भाजपा ने 132 सीटें, शिवसेना ने 57 और एनसीपी ने 41 सीटें अपने नाम कीं. विपक्षी दलों ने चुनाव परिणामों को लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर हमला करार देते हुए नए सिरे से चुनाव कराने की मांग की है.
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