विजय गोविंद पाटील की उम्मीदवारी को लेकर क्षेत्र में उत्साह और चर्चा का माहौल है. वे अपने सेवा कार्यों और जनसंपर्क के लिए पहले से लोकप्रिय रहे हैं, जिसने उन्हें जनता के बीच एक मजबूत छवि दी है.
पाटील की यह लोकप्रियता उनके चुनावी अभियान को बल दे रही है. साथ ही, गठबंधन के चलते उन्हें शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे गुट) का समर्थन भी प्राप्त हो रहा है,
जिसने उनकी स्थिति को और भी मजबूत बना दिया है. शिवसेना (UBT) का यह समर्थन उनके चुनावी समीकरणों में बड़ा बदलाव लाने की संभावना रखता है.
जिसने उनकी स्थिति को और भी मजबूत बना दिया है. शिवसेना (UBT) का यह समर्थन उनके चुनावी समीकरणों में बड़ा बदलाव लाने की संभावना रखता है.
गौरतलब है कि विजय गोविंद पाटील पहले शिवसेना के नेता थे और 2019 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने शिवसेना के टिकट पर वसई से चुनाव लड़ा था,
हालांकि उन्हें सफलता नहीं मिली. चुनाव के बाद, सितंबर 2019 में, पाटील ने कांग्रेस में शामिल होकर राज्य सचिव का पद संभाला.
कांग्रेस में शामिल होने के बाद से ही उन्होंने पार्टी की नीतियों के प्रचार और जनसेवा के कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया.
उनके काम और अनुभव को देखते हुए पार्टी ने उन्हें आगामी चुनावों में उम्मीदवार बनाने का फैसला किया.
इस तरह, विजय गोविंद पाटील की उम्मीदवारी ने वसई में चुनावी माहौल को रोचक बना दिया है,
और गठबंधन के समर्थन के कारण उनकी संभावनाएं मजबूत दिखाई दे रही हैं. उनके प्रयास और क्षेत्र में उनकी सक्रियता चुनावी नतीजों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकते हैं.
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