शैलेश आचरेकर की इस प्रदर्शनी में प्रदर्शित कलाकृतियाँ दर्शकों के दिलों को छूने वाली और गहरे अर्थों से युक्त थीं.
"साइलेंस में एलेगेंस" के शीर्षक के अनुरूप, आचरेकर की कला शांति और सादगी की सुंदरता को अद्भुत ढंग से प्रस्तुत करती दिखाई दी.
उनके चित्रों में न केवल बारीक विवरण और रंगों की सुंदरता देखने को मिली, बल्कि हर चित्र के पीछे छिपी कहानी और भावनाओं ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया.
आचरेकर की कला की खासियत यह है कि वे अपनी रचनाओं के माध्यम से सादगी में भी गहनता और गंभीरता को उजागर करते हैं, जो दर्शकों को सोचने और महसूस करने पर मजबूर कर देती है.
प्रदर्शनी में आए अतिथियों और कला प्रेमियों ने शैलेश आचरेकर की कला की खूब प्रशंसा की, और इसे एक ऐसा अनुभव बताया जो मन और आत्मा को गहराई से छूता है.
"साइलेंस में एलेगेंस" निस्संदेह मुंबई के कला प्रेमियों के लिए एक अनमोल सौगात है.
शैलेश की रचनात्मक यात्रा किसी साधारण कहानी से कम नहीं है. वह दो बार हार्वर्ड वर्ल्ड रिकॉर्ड (लंदन) के विजेता रह चुके हैं, और उनकी शॉर्ट फिल्म "वक्त" ने 140 से अधिक पुरस्कार जीते हैं, जिसमें कांस शॉर्ट फिल्म फेस्टिवल में शॉर्टलिस्टिंग भी शामिल है.
कलाकार शैलेश आचरेकर की बहुमुखी प्रतिभा ने उन्हें कला के विभिन्न क्षेत्रों में अद्वितीय पहचान दिलाई है. हाल ही में, उन्होंने 27,000 हीरों का उपयोग करके बालासाहेब ठाकरे का एक अद्वितीय पोर्ट्रेट बनाया, जिसने कला जगत में उनकी प्रतिष्ठा को और ऊंचा किया. उनकी डॉक्यूमेंट्री "जनता दरबार" ने भी 18 पुरस्कार जीते और अब ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज़ के लिए पूरी तरह तैयार है.
ADVERTISEMENT