दुर्घटना में 14 लोगों की जान चली गई थी, जिसके बाद मुंबई बंदरगाह और उसके आसपास सुरक्षा प्रबंधों को सुधारने की मांग बढ़ी.
दुर्घटना में 14 लोगों की जान चली गई थी, जिसके बाद मुंबई बंदरगाह और उसके आसपास सुरक्षा प्रबंधों को सुधारने की मांग बढ़ी.
18 दिसंबर को हुई इस दुर्घटना में, एक नौसेना के शिल्प ने इंजन परीक्षण के दौरान नियंत्रण खो दिया और एक यात्री नौका से टकरा गया.
इस बोट में 100 से ज्यादा यात्री सवार थे और यह गेटवे ऑफ इंडिया से एलीफेंटा द्वीप की ओर जा रही थी.
हादसे के बाद, प्रशासन ने तुरंत नए उपायों पर काम करना शुरू किया, जिसमें फ्लोटिंग रैंप की शुरुआत शामिल है.
फ्लोटिंग रैंप का उद्देश्य न केवल यात्रियों को बोर्डिंग के दौरान सुविधा प्रदान करना है, बल्कि यात्रा को सुरक्षित बनाना भी है.यह रैंप पानी के स्तर के साथ समायोजित हो सकता है, जिससे किसी भी मौसम या ज्वार-भाटा के दौरान इसका उपयोग किया जा सके.
इस नए प्रबंध से गेटवे ऑफ इंडिया पर आने वाले पर्यटकों और यात्रियों को एक बेहतर अनुभव मिलेगा. स्पीडबोट यात्रा करने वाले लोगों को अब बोर्डिंग के समय संतुलन बनाए रखने या फिसलने की चिंता नहीं करनी होगी. गेटवे ऑफ इंडिया से एलीफेंटा द्वीप के लिए चलने वाली नौकाएं और स्पीडबोट पर्यटकों के बीच बेहद लोकप्रिय हैं.
नए फ्लोटिंग रैंप के आने से इन सेवाओं की विश्वसनीयता और आकर्षण बढ़ेगा. यह कदम न केवल स्थानीय लोगों बल्कि अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के लिए भी यात्रा को अधिक सुविधाजनक और सुरक्षित बनाएगा.
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