कैबिनेट की मंजूरी के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विधानसभा में मराठा आरक्षण को भी मंजूरी.
विशेष विधानसभा सत्र में पेश करने के कुछ मिनट बाद मराठा आरक्षण विधेयक सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया.
सीएम एकनाथ शिंदे अब इस बिल को मंजूरी के लिए विधान परिषद में पेश करेंगे जिसके बाद यह कानून बन जाएगा.
राज्य सरकार ने इस विशेष विधेयक को पेश करने और उस पर आगे विचार करने के लिए राज्य विधानमंडल का एक दिवसीय विशेष सत्र बुलाया है.
एकनाथ शिंदे की महायुति सरकार ने मंगलवार को 10 प्रतिशत मराठा कोटा के लिए जिस विधेयक को मंजूरी दी है, वह तत्कालीन देवेंद्र फड़नवीस सरकार द्वारा पेश किए गए सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़ा वर्ग अधिनियम, 2018 के समान है.
इस विधेयक का उद्देश्य मराठों को 50 प्रतिशत की सीमा से ऊपर 10 प्रतिशत आरक्षण देना है.
महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा कि विपक्षी दलों की भी यही राय है कि मराठा समुदाय को आरक्षण दिया जाए. पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे भी मौजूद रहे.
एक दशक में यह तीसरी बार है जब राज्य ने मराठा कोटा के लिए कानून पेश किया है.
इस बीच समाजवादी पार्टी के विधायकों ने मंगलवार को मांग की कि मुस्लिम समुदाय के साथ भी न्याय होना चाहिए और महाराष्ट्र में 5 फीसदी आरक्षण दिया जाना चाहिए.
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