बीएमसी अधिकारियों के अनुसार, बाणगंगा झील की दीवार का जो हिस्सा गिरा है वह महालक्ष्मी मंदिर के पास स्थित है और उसकी लंबाई लगभग 10 से 15 फीट थी. (Pic/Atul Kamble)
यह घटना रविवार देर शाम को घटी, जिसके बाद स्थानीय निवासियों द्वारा नगर निगम को सूचना दी गई.
सूचना मिलते ही बीएमसी की टीम ने मौके पर पहुंचकर निरीक्षण किया और इलाके को घेरते हुए बैरिकेडिंग लगा दी, जिससे आसपास की जनता को किसी प्रकार का खतरा न हो.
नगर निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "हमें शाम को घटना की जानकारी मिली थी.
मौके पर जांच के बाद पाया गया कि झील परिसर की दीवार का एक हिस्सा जर्जर अवस्था में था और गिर चुका है.
किसी के हताहत होने की खबर नहीं है, लेकिन एहतियात के तौर पर इलाके को बंद कर दिया गया है."
गौरतलब है कि बाणगंगा झील मुंबई के सबसे पुराने और पवित्र स्थलों में से एक मानी जाती है.
माना जाता है कि यह जलकुंड 12वीं शताब्दी में बनाया गया था और यह वाल्केश्वर मंदिर परिसर का हिस्सा है.
यह स्थल न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसकी ऐतिहासिक विरासत भी मुंबई के सांस्कृतिक पहचान का एक अहम हिस्सा है. बीएमसी ने बताया कि वे इस संरचना की स्थिति की विस्तृत समीक्षा कर रहे हैं और आवश्यकता पड़ने पर इसके संरक्षण एवं मरम्मत के लिए कदम उठाए जाएंगे.
साथ ही, आम नागरिकों से अपील की गई है कि वे बैरिकेडेड क्षेत्र में प्रवेश न करें और सुरक्षा नियमों का पालन करें.
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