Updated on: 05 July, 2025 07:04 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
राज ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने मराठी लोगों की मजबूत एकता के कारण त्रिभाषा फॉर्मूले पर फैसला वापस लिया है.
चित्र सौजन्य: आशीष राणे
आज महाराष्ट्र में राज ठाकरे संयुक्त रैली कर रहे हैं. इस बीच महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के राज ठाकरे ने कहा कि जो काम बाल ठाकरे नहीं कर पाए, वह आज देवेंद्र फडणवीस ने कर दिखाया. राज ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने मराठी लोगों की मजबूत एकता के कारण त्रिभाषा फॉर्मूले पर फैसला वापस लिया है. त्रिभाषा फॉर्मूले पर फैसला मुंबई को महाराष्ट्र से अलग करने की साजिश का एक बड़ा हिस्सा था.
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राज ठाकरे ने आगे कहा कि एक भाषा का किसी व्यक्ति से क्या लेना-देना है? उन्होंने कहा कि बालासाहेब ठाकरे और मेरे पिता श्रीकांत ठाकरे अंग्रेजी माध्यम से पढ़े थे. बालासाहेब ठाकरे ने अंग्रेजी स्कूल में पढ़ाई की, अंग्रेजी अखबार में काम किया, लेकिन मराठी को कभी नजरअंदाज नहीं किया. दक्षिण भारत के कई राजनीतिक नेता और फिल्मी हस्तियां अंग्रेजी स्कूलों में पढ़ी हैं, लेकिन उन्हें तमिल और तेलुगु भाषाओं पर गर्व है. लालकृष्ण आडवाणी ने सेंट पैट्रिक हाई स्कूल में पढ़ाई की, जो एक मिशनरी स्कूल था, लेकिन क्या उनके हिंदुत्व पर संदेह किया जा सकता है.
मनसे प्रमुख ने कहा कि महाराष्ट्र से बड़ा कोई मुद्दा नहीं है. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के लिए जो कुछ भी कर सकते हैं, करेंगे. इस बीच राज ठाकरे ने कहा कि भाषा के बाद ये लोग जाति की राजनीति करेंगे. उन्होंने कहा कि वे मराठी लोगों को कभी एकजुट नहीं होने देंगे. राज ठाकरे ने कहा कि हिंदी भाषी राज्य आर्थिक रूप से पिछड़े हुए हैं. लोग वहां से भागकर गैर हिंदी भाषी राज्यों में आ रहे हैं. हिंदी ने इन राज्यों को आगे बढ़ने में मदद क्यों नहीं की।
उन्होंने आगे कहा कि ये लोग सिर्फ़ वोट के लिए ऐसा कर रहे हैं. अगर हिंदी लागू करने के इस फ़ैसले को शांतिपूर्वक स्वीकार कर लिया गया होता, तो ये लोग अगले कदम के तौर पर मुंबई को महाराष्ट्र से अलग कर देते. उन्होंने कहा कि मराठों ने कई सालों तक हिंदी भाषी राज्यों पर राज किया. लेकिन क्या हमने कभी वहां मराठी थोपने की कोशिश की. राज ठाकरे ने तंज कसते हुए कहा कि अगर आप मंत्रियों की हिंदी सुनेंगे, तो आपको हंसी आएगी.
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