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मुंबई लोकल ट्रेन अपडेट: सिग्नल गड़बड़ी से सेवाएं प्रभावित, यात्रियों को परेशानी

Updated on: 04 February, 2025 11:30 AM IST | mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

मंगलवार सुबह सेंट्रल रेलवे की लोकल ट्रेन सेवाएं सिग्नलिंग सिस्टम में तकनीकी खराबी के कारण प्रभावित हुईं, जिससे मुंबई लोकल ट्रेनें 15-20 मिनट देरी से चलीं और स्टेशनों पर भारी भीड़ उमड़ गई.

Representational Image

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मुंबई की जीवनरेखा लोकल ट्रेन सेवाएं मंगलवार सुबह सेंट्रल रेलवे (CR) की मुख्य लाइन पर तकनीकी खराबी के कारण प्रभावित हुईं. यह गड़बड़ी ठाणे जिले में दिवा और मुंब्रा रेलवे स्टेशनों के बीच दक्षिण की ओर जाने वाली धीमी गति वाली पटरी पर सुबह 4:55 बजे आई, जिससे ट्रेनों की आवाजाही बाधित हुई.

सिग्नल खराबी से लोकल सेवाएं प्रभावित


तकनीकी समस्या के कारण लोकल ट्रेनें 15-20 मिनट की देरी से चल रही थीं. इससे सेंट्रल रेलवे के स्टेशनों पर भीड़ बढ़ गई और यात्रियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा.
मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी स्वप्निल नीला ने जानकारी दी कि करीब 6 बजे सिग्नलिंग सिस्टम को ठीक कर दिया गया. हालांकि, इस दौरान मुंबई लोकल ट्रेन सेवाओं में देरी बनी रही और यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ी.


प्रभावित मार्ग और यात्रियों की मुश्किलें

मध्य रेलवे की मुख्य लाइन छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (CSMT) से लेकर ठाणे, कसारा, कर्जत और खोपोली तक फैली हुई है. यहां से रोजाना लाखों यात्री सफर करते हैं. CR रोजाना 1,800 से अधिक लोकल ट्रेन सेवाएं संचालित करता है, जिनमें 35 लाख से ज्यादा लोग यात्रा करते हैं.


तकनीकी गड़बड़ी के चलते लोकल ट्रेन यात्रियों को स्टेशनों पर लंबी प्रतीक्षा करनी पड़ी. सुबह ऑफिस जाने वाले लोगों को ज्यादा परेशानी हुई. कई यात्रियों ने ट्रेन देरी को लेकर सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी जाहिर की.

मध्य रेलवे ने मनाया विद्युतीकरण के 100 साल का जश्न

इस बीच, मध्य रेलवे ने सोमवार को भारतीय रेलवे के विद्युतीकरण के 100 वर्ष पूरे होने पर कई कार्यक्रम आयोजित किए. इस ऐतिहासिक उपलब्धि के तहत सीएसएमटी (CSMT) पर प्रदर्शनी और वॉकथॉन का आयोजन किया गया.

भारतीय रेलवे के विद्युतीकरण की शुरुआत 3 फरवरी 1925 को हुई थी, जब ग्रेट इंडियन पेनिनसुला रेलवे (GIPR) ने बॉम्बे वीटी (अब CSMT) और कुर्ला हार्बर के बीच 16 किलोमीटर लंबी पहली इलेक्ट्रिक ट्रेन चलाई थी. यह ऐतिहासिक मील का पत्थर भारत की पहली ट्रेन के 16 अप्रैल 1853 को बोरीबंदर (अब CSMT) और ठाणे के बीच संचालन के लगभग 72 साल बाद आया.
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, 1500V DC सिस्टम की शुरुआत ने भाप से चलने वाले इंजनों से इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन की ओर बदलाव किया, जिसने भारतीय रेलवे के आधुनिकीकरण की नींव रखी.

सीएसएमटी में महाप्रबंधक धर्मवीर मीना ने एक विशेष प्रदर्शनी का उद्घाटन किया, जिसमें रेलवे विद्युतीकरण के इतिहास, तकनीकी प्रगति और विकास को प्रदर्शित किया गया. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यह "इतिहास और प्रगति का संगम" है और भारतीय रेलवे नवाचार, सेवा सुधार और तकनीकी उन्नति के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराता है.
मध्य रेलवे के CPRO स्वप्निल नीला ने बताया कि प्रदर्शनी में डिस्प्ले बोर्ड, लघु कार्यशील मॉडल और रेलवे विद्युतीकरण से जुड़ी महत्वपूर्ण तकनीकी उपलब्धियों को दर्शाया गया. यह सीएसएमटी के प्लेटफॉर्म 7-8 पर आम जनता के लिए खुली है.

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