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एकनाथ शिंदे ने की डोंबिवली में पहलगाम पीड़ित परिवारों से मुलाकात

Updated on: 28 April, 2025 01:41 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

शिंदे - जो शिवसेना के प्रमुख भी हैं - ने संजय लेले, हेमंत जोशी और अतुल मोने के शोक संतप्त परिवारों से मुलाकात की.

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे रविवार को डोंबिवली में पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों में से एक के परिवार के साथ. फोटो/X

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे रविवार को डोंबिवली में पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों में से एक के परिवार के साथ. फोटो/X

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने रविवार को आश्वासन दिया कि ठाणे जिले के तीन लोगों के परिजनों को हर संभव मदद दी जाएगी, जिन्होंने भयानक पहलगाम आतंकी हमले में अपनी जान गंवा दी. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार शिंदे - जो शिवसेना के प्रमुख भी हैं - ने संजय लेले, हेमंत जोशी और अतुल मोने के शोक संतप्त परिवारों से मुलाकात की, जो मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए 26 लोगों में से थे, जिनमें से ज्यादातर पर्यटक थे.

रिपोर्ट के मुताबिक पीड़ितों के परिवारों से दर्दनाक बातें सुनने के बाद वह भावुक हो गए और उन्होंने इस दुखद नुकसान पर गहरा दुख व्यक्त किया.उनके बेटे और कल्याण से लोकसभा सांसद (एमपी) श्रीकांत शिंदे के साथ-साथ कई शिवसेना नेता भी उनकी यात्रा के दौरान उपमुख्यमंत्री के साथ थे. उपमुख्यमंत्री ने कहा, "परिवार के एक सदस्य को उनके प्रियजनों के सामने ही मार दिया गया. ऐसी क्रूरता अक्षम्य है." उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार और शिवसेना पार्टी तीनों परिवारों की सहायता करने के लिए प्रतिबद्ध है.


एकनाथ शिंदे ने आश्वासन दिया कि "हम इन परिवारों के बच्चों और आश्रितों के लिए शिक्षा, रोजगार और कल्याण के मामलों में पूर्ण सहयोग सुनिश्चित करेंगे." उन्होंने कहा कि हर संभव सहायता की गारंटी दी. एकनाथ शिंदे ने उल्लेख किया कि जोशी उनके समर्थक थे, जबकि लेले का परिवार शिवसेना के उप जिला प्रमुख राजेश कदम से निकटता से जुड़ा हुआ है. शिंदे ने कहा, "ये परिवार हमारे अपने जैसे हैं. रिपोर्ट के अनुसार हम सुनिश्चित करेंगे कि उनकी कोई भी ज़रूरत पूरी न हो."


इस बीच, श्रीकांत शिंदे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र के रुख का जिक्र करते हुए कहा कि भारत पाकिस्तान की भाषा में जवाब देने के लिए तैयार है. रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा कि छह साल पहले अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद से, कश्मीर ने स्थिरता और विकास के संकेत दिए हैं, लेकिन कुछ विनाशकारी ताकतें इस प्रगति से नाखुश हैं. उन्होंने कहा, "यह हमला शांति को बाधित करने का एक हताश प्रयास था, लेकिन इसके लिए जिम्मेदार लोगों को कड़ी सजा मिलेगी."


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