Updated on: 31 May, 2025 12:16 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
यह आदेश अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमित एम शेटे ने 27 मई को पारित किया था और शुक्रवार को उपलब्ध कराया गया.
प्रतिनिधित्व चित्र/आईस्टॉक
ठाणे जिला एवं सत्र न्यायालय ने अभियोजन पक्ष के साक्ष्य में विभिन्न विसंगतियों का हवाला देते हुए 2018 के हत्या के प्रयास के एक मामले में 67 वर्षीय व्यक्ति और उसके दो बेटों को बरी कर दिया है. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार यह आदेश अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमित एम शेटे ने 27 मई को पारित किया था और शुक्रवार को उपलब्ध कराया गया.
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रिपोर्ट के मुताबिक अदालत ने रमेश चंद्रपाल चौहान और उनके बेटों अर्जुन, 35, और अमित, 37, को 13 अगस्त, 2018 को वागले एस्टेट पुलिस स्टेशन में उनके खिलाफ दर्ज मामले में बरी कर दिया, जो पीड़ित कुणाल ज़ांज़ोत (तब 20 वर्षीय) के पिता द्वारा दर्ज की गई शिकायत पर आधारित था. तीनों पर हत्या के प्रयास, स्वेच्छा से चोट पहुँचाने, जानबूझकर अपमान करने और आपराधिक धमकी के आरोपों में मामला दर्ज किया गया था.
एक अन्य आरोपी सुरेश, उर्फ सूर्य जगन चौहान की मुकदमे के दौरान मृत्यु हो गई. रिपोर्ट के अनुसार अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया कि 10 अगस्त, 2018 को शादी के प्रस्ताव को लेकर हुए विवाद के बाद तीनों ने कुणाल और उसके पिता पर हमला किया.हालांकि, साक्ष्यों में विसंगतियां पाते हुए, अदालत ने कहा कि जिस अस्पताल में पीड़ित को भर्ती कराया गया था, उसके कर्मचारियों द्वारा दर्ज किए गए बयान के अनुसार, वह मुंब्रा में एक राजमार्ग पर बाइक से गिर गया था.
एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि अभियोजन पक्ष ने घायल को भर्ती करते समय अस्पताल को जो इतिहास बताया था, उसे स्पष्ट करने के लिए पड़ोसी सुनील वर्मा से पूछताछ नहीं की है, अदालत ने कहा, प्रमुख गवाहों की जांच के अभाव में, अभियोजन पक्ष के खिलाफ प्रतिकूल निष्कर्ष निकाला जाना चाहिए. अदालत ने निष्कर्ष निकाला कि अभियोजन पक्ष अपने मामले को उचित संदेह से परे साबित करने में विफल रहा.
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