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व्यवसायी प्रतीक वीरा ने सनशाइन ग्रुप डेवलपर्स और अन्य के खिलाफ 250 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के लिए एफआईआर दर्ज कराई

Updated on: 31 January, 2025 02:20 PM IST | Mumbai
Faizan Khan | faizan.khan@mid-day.com

अंधेरी के व्यवसायी प्रतीक वीरा ने रियल एस्टेट डेवलपर्स कश्यप मेहता, अतुल भरानी और सनशाइन ग्रुप से जुड़े अन्य लोगों के खिलाफ 250 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के आरोप में एफआईआर दर्ज कराई है.

Representational Image

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एक बड़ी वित्तीय धोखाधड़ी सामने आई है, अंधेरी स्थित व्यवसायी प्रतीक वीरा ने रियल एस्टेट डेवलपर्स कश्यप मेहता, अतुल भरानी और सनशाइन ग्रुप से जुड़े अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है.

माटुंगा पुलिस स्टेशन में दर्ज शिकायत में डेवलपर्स पर धोखाधड़ी, विश्वासघात और जालसाजी का आरोप लगाया गया है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि जाली दस्तावेजों और अनधिकृत वित्तीय लेनदेन के जरिए वीरा से 250 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की गई.


निर्माण और वित्त क्षेत्र में काम करने वाले वीरा का दावा है कि उन्हें आकर्षक रिटर्न और व्यावसायिक साझेदारी के वादे के साथ सनशाइन ग्रुप में 150 करोड़ रुपये निवेश करने के लिए राजी किया गया था.


समय के साथ, उन्हें लगभग 26 समूह कंपनियों में 20 प्रतिशत शेयरधारक और निदेशक बना दिया गया, लेकिन उनका आरोप है कि वित्तीय निर्णयों पर उनका कोई वास्तविक नियंत्रण नहीं था. शिकायत में कहा गया है कि सनशाइन समूह ने झूठे बहाने बनाकर वित्तीय संस्थानों से ऋण प्राप्त किया.

इनमें 2015 में वीरा की सहमति के बिना उनके नाम पर लिया गया 25 करोड़ रुपये का ऋण और उसके बाद 2016 में 55 करोड़ रुपये का ऋण शामिल है.


2017 में, भांडुप में समृद्धि गार्डन परियोजना के लिए 90 करोड़ रुपये के निर्माण ऋण का कथित रूप से दुरुपयोग किया गया था, जिसमें से 18.22 करोड़ रुपये अन्य संस्थाओं को दे दिए गए थे.

जब वीरा ने वित्तीय अनियमितताओं पर सवाल उठाना शुरू किया, तो उनके और सनशाइन समूह के बीच तनाव बढ़ गया.

बाद में उन्हें कंपनी के संचालन से हटा दिया गया, जिसके कारण राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी), राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) और सर्वोच्च न्यायालय में कई कानूनी लड़ाइयाँ हुईं.

2018 में एक समझौता समझौते ने उन्हें समूह की कंपनियों में से एक में हिस्सेदारी दी, जिसे बाद में सिवाना रियल्टी प्राइवेट लिमिटेड के रूप में पुनः ब्रांडेड किया गया, लेकिन उनका दावा है कि समूह अपनी प्रतिबद्धताओं का सम्मान करने में विफल रहा, जिसके परिणामस्वरूप 38.35 करोड़ रुपये का अतिरिक्त नुकसान हुआ.

माटुंगा पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है, जिसमें जालसाजी, वित्तीय कुप्रबंधन और आपराधिक विश्वासघात के आरोप शामिल हैं.

हालांकि अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि सनशाइन ग्रुप के प्रमुख लोगों को जल्द ही पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है. वीरा ने अपने नुकसान की भरपाई के लिए कानूनी मदद की मांग करते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट का भी रुख किया है.

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