फोटो/सैय्यद समीर आबेदी
कल्याण और उल्हासनगर के कुछ वकीलों ने अपने साथियों से शिंदे का प्रतिनिधित्व न करने का अनुरोध किया. कल्याण कोर्ट के बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एडवोकेट प्रकाश जगताप ने कहा, "हमने कोर्ट में ब्लैकबोर्ड पर अपील लिखी है और वकीलों के बीच संदेश भी प्रसारित किया है कि कोई भी आरोपी का प्रतिनिधित्व न करे."
पुलिस अधिकारी ने कहा, "हमने 32 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की है, जिनमें से 22 को गिरफ्तार किया गया, कोर्ट में पेश किया गया और मजिस्ट्रेट की हिरासत में भेज दिया गया. जबकि आठ महिलाओं और दो किशोरों को नोटिस जारी कर उन्हें जेल भेज दिया गया."
स्कूल ट्रस्ट के सचिव तुषार आप्टे ने मीडिया से कहा, "हमें 16 अगस्त को घटना के बारे में पता चला. 14 अगस्त को प्रिंसिपल ने हमें बताया कि एक नाबालिग लड़की की तबीयत ठीक नहीं है, इसलिए वे उसे घर भेज रहे हैं. हालांकि, 16 अगस्त को जब लड़की के माता-पिता ने स्कूल से संपर्क किया, तो हमें सच्चाई पता चली. आरोपी एक अनुबंध के आधार पर सफाईकर्मी के रूप में काम कर रहा था. दो महिलाएं बच्चों की देखभाल करती थीं, लेकिन वे लापरवाह पाई गईं और हमने उन्हें निलंबित कर दिया है. प्रिंसिपल और शिक्षक को भी निलंबित कर दिया गया क्योंकि वे भी लापरवाह थे."
शिवसेना (यूबीटी) की नेता सुषमा अंधारे ने कहा, "आप कहते हैं कि हम राजनीति से प्रेरित हैं. सवाल पूछने वाली एक महिला पत्रकार से [शिवसेना नेता] वामन म्हात्रे ने पूछा, `आप ऐसा क्यों बोल रही हैं जैसे आपका बलात्कार हुआ हो?` यह अहंकार कहाँ से आता है? आपने स्थिति को और बिगाड़ दिया है. अगर आप कानून व्यवस्था बनाए रखना चाहते हैं, तो म्हात्रे को अभी तक गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया?”
पीड़िता की मां को 10 घंटे से ज़्यादा इंतज़ार करवाया गया, जबकि वह गर्भवती थी. मेडिकल रिपोर्ट होने के बावजूद कोई मामला दर्ज नहीं किया गया. विभिन्न कारणों से विपक्ष ने मामले को लेकर मुद्दे उठाए हैं. ठाकरे समूह की नेता और प्रवक्ता सुषमा अंधारे ने आज बदलापुर में विरोध प्रदर्शन किया, लेकिन उन्हें रोका गया.
बदलापुर स्कूल यौन उत्पीड़न मामले के बाद महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले एक लोकल ट्रेन से बदलापुर रेलवे स्टेशन पहुंचे.
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