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उल्हासनगर के सरकारी पर्यवेक्षण गृह से 8 हुई फरार, प्रशासन पर उठे सवाल

Updated on: 10 January, 2025 09:19 AM IST | Mumbai
Aishwarya Iyer | mailbag@mid-day.com

महाराष्ट्र के उल्हासनगर में एक सरकारी पर्यवेक्षण गृह से आठ किशोर लड़कियाँ खिड़की की सलाखें तोड़कर फरार हो गईं.

Pic/Navneet Barhate

Pic/Navneet Barhate

महाराष्ट्र के ठाणे जिले के उल्हासनगर में एक सरकारी पर्यवेक्षण गृह से बुधवार आधी रात को आठ किशोर लड़कियाँ खिड़की की सलाखें तोड़कर फरार हो गईं. 15 से 17 साल की इन लड़कियों ने अपनी हिम्मत और योजना से प्रशासन को चौंका दिया.

कैसे हुआ फरार होने का प्लान?


हिल लाइन पुलिस के अनुसार, लड़कियों ने खिड़की की रेलिंग की लोहे की सलाखें तोड़ीं और छात्रावास से कूदकर भाग निकलीं. जब रात्रि गश्ती दल ने टूटे हुए जाल और क्षतिग्रस्त रेलिंग देखी, तो अलार्म बजाया गया. रोल कॉल में पता चला कि आठ लड़कियाँ लापता हैं. तुरंत वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किया गया, और पुलिस को अलर्ट पर रखा गया.


तेज तर्रार खोज अभियान

घटना की गंभीरता को देखते हुए डीसीपी सचिन गोरे (जोन 4, अंबरनाथ डिवीजन) ने एक विशेष खोज दल का गठन किया. बस स्टॉप, टोल नाके, रेलवे स्टेशन—हर जगह तलाशी अभियान चलाया गया.


सात मिलीं, एक अब भी लापता

आठ में से सात लड़कियों को उल्हासनगर रेलवे स्टेशन पर पकड़ लिया गया, जहाँ वे लोकल ट्रेन में चढ़ने की फिराक में थीं. रात में ट्रेन सेवाएँ बंद होने के कारण उनकी योजना नाकाम रही. हालांकि, 17 वर्षीय एक लड़की अब भी फरार है और पुलिस उसे ढूंढने में जुटी है.

क्यों भागीं ये लड़कियाँ?

प्रारंभिक पूछताछ में लड़कियों ने बताया कि वे पर्यवेक्षण गृह की खराब स्थितियों से बेहद असंतुष्ट थीं. ये उनकी नाराजगी और असुरक्षा का ही नतीजा था कि उन्होंने भागने की योजना बनाई.

प्रशासन पर लापरवाही का आरोप

पुलिस अब पर्यवेक्षण गृह के प्रशासन और सुरक्षा कर्मचारियों से पूछताछ कर रही है. कर्मचारियों की लापरवाही इस पूरी घटना का मुख्य कारण बताई जा रही है. घटना के बाद से प्रशासन पर सवाल उठने लगे हैं.

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