देसी अंदाज और आत्मविश्वास से भरी उनकी यह वापसी सबका दिल जीत रही है.
छाया कदम ने अपने इंस्टाग्राम पर इस खास पल को साझा करते हुए लिखा कि किस तरह पिछली बार वह पहली बार कान पहुंची थीं – थोड़ी घबराई, थोड़ी नई – लेकिन इस बार ये शहर, ये लोग, सब अपने जैसे लगते हैं.
उन्होंने लिखा, "2025 का पहला दिन है कान में, और आज मैं पिछले साल के अनुभवों के साथ और भी मजबूत होकर लौटी हूं."
`लापता लेडीज` जहां भारत की ऑस्कर एंट्री रही, वहीं `ऑल वी इमेजिन ऐज लाइट` को पिछले साल ग्रैंड प्रिक्स अवॉर्ड मिला था. अब इस साल की उनकी फिल्म `स्नो फ्लावर` को लेकर भी चर्चाएं तेज़ हैं. खुद छाया भी स्क्रीनिंग को लेकर बेहद उत्साहित नजर आईं.
कान में इस बार एक और खास मौका था – भारत मंडप का उद्घाटन. 78वें कान फिल्म महोत्सव में इस मंडप का शुभारंभ IFFI और NFDC के साथ किया गया. इस भव्य समारोह में शेखर कपूर, अनुपम खेर और फ्रांसीसी प्रतिनिधि ऐनी-लुईस मेसाडियू जैसे प्रतिष्ठित नाम शामिल हुए.
शेखर कपूर ने भारत की रचनात्मक शक्ति और सिनेमा की परिवर्तनकारी ताकत पर जोर देते हुए कहा कि भारत अब वैश्विक मंच पर एक मजबूत आवाज़ बन चुका है.
भारत फिल्म गाइड का भी इस अवसर पर लॉन्च किया गया, जो भारत की फिल्म निर्माण क्षमता, शूटिंग लोकेशंस और अंतर्राष्ट्रीय को-प्रोडक्शन अवसरों को दर्शाता है. मेसाडियू ने भारत के सिनेमा को संस्कृति और कूटनीति का पुल बताया.
छाया कदम की यह चमकदार वापसी और भारत मंडप की अंतरराष्ट्रीय मंच पर मौजूदगी ने यह साफ कर दिया है कि भारतीय सिनेमा अब ग्लोबल सीन पर मजबूती से खड़ा है – देसी अंदाज़ में, पूरी शान से.
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