कान्स में भारतीय महिलाओं ने रचा इतिहास
कान्स 2024 फिल्म फेस्टिवल का समापन दिन भारत के लिए ऐतिहासिक साबित हुआ.
पायल कपाड़िया की `ऑल दैट वी इमेजिन ऐज़ लाइट` की टीम ने भारत को अपना पहला ग्रैंड प्रिक्स या जूरी पुरस्कार जीता (नोट: चेतन आनंद की नीचा नगर ने 1946 में महोत्सव के पहले संस्करण में ग्रैंड प्रिक्स जीता था जो आज पाल्मे डी के बराबर है).
पुरस्कार प्राप्त करने के लिए, पायल कपाड़िया अपनी फिल्म की प्रमुख अभिनेत्रियों- कानी कुश्रुति, दिव्या प्रभा और छाया कदम को भी मंच पर ले गईं.
जिन महिलाओं ने गुरुवार को रेड कार्पेट पर अपनी फिल्म की स्क्रीनिंग के दौरान डांस किया था, उन्होंने गले मिलकर मंच पर अपने पल का जश्न मनाया.
यह पायल कपाड़िया की कान्स में दूसरी जीत है. साल 2021 में उनकी फिल्म `ए नाइट ऑफ नोइंग नथिंग` ने बेस्ट डॉक्यूमेंट्री का अवॉर्ड जीता था.
कोलकाता की रहने वाली अनसूया सेनगुप्ता ने द शेमलेस में अपने अभिनय के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का अन सर्टेन रिगार्ड पुरस्कार जीता. अनसूया ने अपनी जीत के साथ यह पुरस्कार जीतने वाली पहली भारतीय बनकर इतिहास रच दिया है.
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