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आर. माधवन की `रॉकेट्री: द नांबी इफ़ेक्ट` के 3 साल, सच और सफलता को ट्रिब्यूट

Updated on: 02 July, 2025 09:16 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

आज, जब रॉकेट्री अपनी तीसरी वर्षगांठ मना रही है, यह सत्य, विज्ञान और अडिग जज़्बे के प्रति एक श्रद्धांजलि बनकर खड़ी है.

रॉकेट्री: द नंबी इफ़ेक्ट

रॉकेट्री: द नंबी इफ़ेक्ट

रॉकेट्री: द नंबी इफ़ेक्ट ने तीन साल पहले भारतीय सिनेमा में अपनी धमाकेदार एंट्री की थी. यह सिर्फ़ एक बायोपिक नहीं थी, बल्कि एक ऐतिहासिक मील का पत्थर थी. एक गहरी व्यक्तिगत और साहसी परियोजना, इस फ़िल्म ने आर. माधवन के अभिनेता से फिल्म निर्माता बनने की यात्रा को रेखांकित किया. आज, जब रॉकेट्री अपनी तीसरी वर्षगांठ मना रही है, यह सत्य, विज्ञान और अडिग जज़्बे के प्रति एक कालातीत श्रद्धांजलि बनकर खड़ी है.

एयरोस्पेस वैज्ञानिक नांबी नारायणन के जीवन पर आधारित, रॉकेट्री केवल एक कहानी बताने के बारे में नहीं थी, बल्कि एक भुला दी गई कहानी को पुनः सामने लाना था. आर. माधवन ने न केवल मुख्य भूमिका निभाई, बल्कि फ़िल्म का लेखन, निर्देशन और निर्माण भी किया—और यह सब उन्होंने बेहद ईमानदारी और जुनून के साथ किया. 


इसी के साथ, नंबी नारायणन के भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में दिए गए अपार योगदान को उचित पहचान मिली. पर्दे के पीछे, आर. माधवन और निर्माता विजय मोलन ने यह सुनिश्चित करने का बड़ा फैसला लिया कि गूगल के एल्गोरिदमिक इतिहास को फिर से लिखा जाए ताकि वर्षों की ग़लत जानकारी के ऊपर सच सामने आ सके.


पिछले तीन वर्षों में फ़िल्म रॉकेट्री: द नंबी इफ़ेक्ट के प्रभाव पर प्रतिक्रिया देते हुए आर. माधवन ने कहा, “हमने इस कर दिखाया भाई… भगवान की कृपा से.” कई भाषाओं में रिलीज़ और दुनियाभर में सराही गई यह फ़िल्म अपनी सच्चाई, भावनात्मक गहराई और उद्देश्यपूर्ण प्रस्तुति के लिए दर्शकों और समीक्षकों दोनों के दिलों को छू गई. 

इसके प्रभाव को मान्यता मिली जब इसे 69वें राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कारों में सर्वश्रेष्ठ फ़ीचर फ़िल्म के सम्मान से नवाज़ा गया.. और आर. माधवन की रफ्तार यहीं नहीं रुकी. `केसरी चैप्टर 2` में दमदार भूमिका के बाद अब वे बहुप्रतीक्षित फ़िल्म `आप जैसा कोई` में श्रीरेणु की भूमिका निभाने नज़र आएँगे, जिसका प्रीमियर 11 जुलाई को नेटफ्लिक्स पर होगा.  तीन साल बाद जब हम रॉकेट्री को याद करते हैं, तो एक बात बिल्कुल साफ़ है — आर. माधवन सिर्फ़ एक नैशनल ट्रेज़र नहीं हैं, बल्कि वे एक ऐसे कहानीकार हैं जिनके पास उद्देश्य, जुनून और कहानियों को बदलने का साहस है, चाहे वह स्क्रीन पर हो या उससे परे.


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