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आतंकी मसूद अजहर को 14 करोड़ का मुआवजा देगा पाकिस्तान

Updated on: 14 May, 2025 06:42 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

आतंकवादियों के खिलाफ भारत के अभियान को `ऑपरेशन सिंदूर` कहा गया. इस ऑपरेशन में मसूद अजहर के परिवार के 10 सदस्य और 4 करीबी सहयोगी मारे गए.

शाहबाज शरीफ और मसूद अजहर की फाइल फोटो.

शाहबाज शरीफ और मसूद अजहर की फाइल फोटो.

पाकिस्तान सरकार भारत के ऑपरेशन सिंदूर के दौरान मारे गए वैश्विक आतंकवादी मसूद अजहर को 140 मिलियन पाकिस्तानी रुपये का मुआवजा दे सकती है. उन्हें यह मुआवजा तब मिल सकता है जब उनका पूरा परिवार पाकिस्तान और पीओके में आतंकवादी ठिकानों के खिलाफ भारतीय सेना की एक बड़ी कार्रवाई में मारा गया था. आतंकवादियों के खिलाफ भारत के अभियान को `ऑपरेशन सिंदूर` कहा गया. इस ऑपरेशन में मसूद अजहर के परिवार के 10 सदस्य और 4 करीबी सहयोगी मारे गए. अब शाहबाज शरीफ की सरकार ने उन्हें 14 करोड़ रुपए देने का फैसला किया है, जिससे पता चलता है कि पाकिस्तानी सरकार किस तरह आतंकवादियों का समर्थन करती है.

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने पीओके और पाकिस्तान में हवाई हमले किए. ये हमले जैश-ए-मोहम्मद के मुख्य प्रशिक्षण अड्डे मरकज़ सुभान अल्लाह पर किए गए. यह स्थान बहावलपुर के पास कराची-तोरखम राजमार्ग पर लगभग 15 एकड़ में फैला हुआ है. जैश के वास्तविक प्रमुख मसूद अजहर, मुफ्ती अब्दुल रऊफ असगर, मौलाना अम्मार और अन्य बड़े आतंकवादी भी यहीं रहते थे.


भारतीय सेना ने हाल ही में हुए पहलगाम हमले का बदला ले लिया है. इस हमले में एक नेपाली नागरिक समेत 26 लोग मारे गए. जवाब में भारत ने नौ आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाकर नष्ट कर दिया. ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत ने कहा कि "यह ऑपरेशन सटीक और सुनियोजित था तथा इससे स्थिति बिगड़ने का खतरा नहीं था." आपको बता दें कि मसूद अजहर एक वैश्विक आतंकवादी है. उसे 2019 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा "वैश्विक आतंकवादी" घोषित किया गया था. भारतीय खुफिया एजेंसियों के लिए यह कोई नया नाम नहीं है. उसने 2019 में पुलवामा में आत्मघाती हमले की साजिश रची थी. इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे. 2001 में संसद पर हुए हमले में भी उनका नाम सामने आया था. इस हमले के बाद भारत और पाकिस्तान युद्ध की कगार पर आ गए थे.


मसूद अज़हर का जन्म बहावलपुर में हुआ था. वह कराची के जामिया इस्लामिया बिनोरी टाउन में पढ़ाई के दौरान कट्टरपंथी बन गए. हरकत-उल-मुजाहिद्दीन से प्रभावित होकर वह मात्र 21 वर्ष की आयु में हथियारों का प्रशिक्षण लेने के लिए अफगानिस्तान चला गया था. मसूद अजहर ने स्वयं स्वीकार किया है कि भारतीय सेना द्वारा किए गए एक विशेष हमले में उसके रिश्तेदार और सहयोगी मारे गए हैं. साथ ही भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा और अपराधियों को नहीं बख्शेगा. ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने आतंकवादियों के समर्थन में भारत पर हमला करने का प्रयास किया, जिसे भारत ने विफल कर दिया तथा एक दर्जन पाकिस्तानी एयरबेसों और सैन्य प्रतिष्ठानों को क्षतिग्रस्त कर दिया.


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