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सुप्रीम कोर्ट पहुंची बिहार वोटर-लिस्ट संशोधन की जंग, होगी सुनवाई

Updated on: 08 July, 2025 06:14 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

राजद सांसद मनोज झा और टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा जैसे नेताओं सहित कई लोगों ने याचिका दायर की है.

भारत का सर्वोच्च न्यायालय. फ़ाइल चित्र

भारत का सर्वोच्च न्यायालय. फ़ाइल चित्र

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को चुनाव आयोग द्वारा बिहार में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण के निर्णय को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर 10 जुलाई को सुनवाई करने पर सहमति जताई. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार राजद सांसद मनोज झा और टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा जैसे नेताओं सहित कई लोगों ने याचिका दायर की है. 

रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के निर्देश देने वाले चुनाव आयोग के आदेश को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत में याचिका दायर की है. सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की एक आंशिक कार्य दिवस (पीडब्ल्यूडी) पीठ ने दलीलों पर गौर किया. 


कई याचिकाकर्ताओं की ओर से कपिल सिब्बल के नेतृत्व में वरिष्ठ वकीलों की दलीलों पर गौर किया और गुरुवार को इन याचिकाओं पर सुनवाई करने पर सहमति जताई. रिपोर्ट के अनुसार राजद सांसद मनोज झा की ओर से पेश हुए सिब्बल ने पीठ से याचिकाओं पर चुनाव आयोग को नोटिस जारी करने का आग्रह करते हुए कहा कि यह समयसीमा के भीतर किया जाना असंभव कार्य है (क्योंकि नवंबर में चुनाव होने की संभावना है).


एक अन्य याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि राज्य में करीब आठ करोड़ मतदाता हैं, जिनमें से करीब चार करोड़ मतदाताओं को इस प्रक्रिया के तहत अपने दस्तावेज जमा कराने होंगे. सिंघवी ने कहा, "समयसीमा बहुत सख्त है और अगर 25 जुलाई तक आप दस्तावेज जमा नहीं कराते हैं, तो आप चुनाव से बाहर हो जाएंगे."


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