Updated on: 19 May, 2025 09:38 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
न्यायमूर्ति अग्रवाल ने इससे पहले दोनों पक्षों के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद इस मामले में अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था.
शाही जामा मस्जिद, संभल का हवाई दृश्य
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सोमवार को संभल मस्जिद समिति की मस्जिद का सर्वेक्षण कराने के ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी. न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की पीठ ने मस्जिद समिति की याचिका पर सुनवाई की. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार न्यायमूर्ति अग्रवाल ने इससे पहले दोनों पक्षों के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद इस मामले में अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था. पिछले साल नवंबर में संभल की ट्रायल कोर्ट ने एडवोकेट कमिश्नर को मुगलकालीन मस्जिद शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया था. मस्जिद समिति ने इस निर्णय के विरुद्ध उच्च न्यायालय में अपील की.
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रिपोर्ट के मुताबिक इलाहाबाद उच्च न्यायालय की पीठ ने कहा कि हिंदू वादी पर प्रथम दृष्टया कोई प्रतिबंध नहीं है. गौरतलब है कि यह मुकदमा महंत ऋषिराज गिरि और हरि शंकर जैन सहित आठ वादियों द्वारा दायर किया गया था. उन्होंने दावा किया कि संभल मस्जिद का निर्माण 1526 में हरिहर मंदिर को तोड़कर किया गया था. हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने कहा, "इलाहाबाद उच्च न्यायालय का आदेश उन लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है जिन्होंने यह सवाल उठाया था कि कैसे अदालत ने 19 नवंबर और 24 नवंबर को सर्वेक्षण आयुक्त को एक पक्षकार के रूप में नियुक्त किया और सर्वेक्षण समिति को सुने बिना सर्वेक्षण का आदेश दिया. यह कानून का उल्लंघन है और अदालत और संबंधित पक्षों पर सवाल उठाए गए हैं."
मुकदमे में मूल वादी ने संभल जिले के मोहल्ला कोट पूर्वी में एक धार्मिक स्थल में प्रवेश का अधिकार दावा किया था. इस बीच, मस्जिद समिति ने आरोप लगाया कि मुकदमा 19 नवंबर, 2024 की दोपहर को दायर किया गया था और कुछ ही घंटों के भीतर न्यायाधीश ने एक अधिवक्ता आयुक्त नियुक्त किया और उसे मस्जिद में प्रारंभिक सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया. रिपोर्ट क अनुसार ट्रायल कोर्ट के सर्वे आदेश के बाद संभल में हिंसा भड़क उठी. मस्जिद के पास लोगों का एक बड़ा समूह इकट्ठा हो गया था. इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षाकर्मियों के साथ झड़प की, वाहनों में आग लगा दी और पत्थरबाजी की. हिंसा में पांच लोगों की मौत की खबर है और कई पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं.
उत्तर प्रदेश के विवादित संभल जिले में होली और जुमे की नमाज एक ही दिन होने के कारण रंगों का पारंपरिक त्योहार कड़ी सुरक्षा के बीच शांतिपूर्ण ढंग से मनाया गया. रिपोर्ट के अनुसार सर्किल ऑफिसर अनुज चौधरी ने पहले मुसलमानों को सलाह दी थी कि वे होली पर अपने घरों से बाहर न निकलें, अगर उन्हें लगता है कि होली के रंग उन पर पड़ने से उनका धर्म कलंकित हो जाएगा. उन्होंने कहा कि `सभी ने प्रेम से होली मनाई.` पारंपरिक जुलूस बड़ा था.
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