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प्रधानमंत्री मोदी ने उजागर किया पाकिस्तान का पाखंड

Updated on: 27 May, 2025 05:04 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

गांधीनगर में प्रधानमंत्री ने पाखंड को उजागर किया और ऑपरेशन सिंदूर के बाद दोहरे मानदंडों को उजागर किया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के गांधीनगर में गुजरात शहरी विकास की 20वीं वर्षगांठ मनाने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए. फोटो/पीटीआई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के गांधीनगर में गुजरात शहरी विकास की 20वीं वर्षगांठ मनाने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए. फोटो/पीटीआई

ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद गुजरात की अपनी पहली यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने पाकिस्तान पर जमकर निशाना साधा. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार गांधीनगर में अपने भाषण के दौरान लोगों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान के पाखंड को उजागर किया और ऑपरेशन सिंदूर के बाद उनके दोहरे मानदंडों को उजागर किया. 

रिपोर्ट के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह भी कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद मारे गए आतंकवादियों को पाकिस्तान में राजकीय सम्मान दिया गया. गांधीनगर में एक बड़ी भीड़ को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि उनके ताबूतों पर पाकिस्तानी झंडा लपेटा गया था और उन्हें पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों ने सलामी दी थी. 


प्रधानमंत्री मोदी ने आगे जोर देकर कहा कि आतंकवादी अब छद्म युद्ध नहीं हैं और वे वास्तव में देश के लिए एक गंभीर खतरा हैं. रिपोर्ट के अनुसार पीएम मोदी ने कहा, "हम इस स्थिति को छद्म युद्ध नहीं कह सकते, क्योंकि 6 मई के बाद मारे गए लोगों को पाकिस्तान में राजकीय सम्मान दिया गया. उनके ताबूतों पर पाकिस्तानी झंडे लपेटे गए और उनकी सेना ने उन्हें सलामी दी. इससे साबित होता है कि ये आतंकवादी गतिविधियाँ सिर्फ़ छद्म युद्ध नहीं हैं - यह उनकी ओर से सोची-समझी युद्ध रणनीति है. अगर वे युद्ध में शामिल हैं, तो जवाब भी उसी के अनुसार होगा." 


इसके अलावा, 1947 में भारत के विभाजन के समय को याद करते हुए, इस बेहद संवेदनशील मुद्दे पर पीएम मोदी ने कहा कि पाकिस्तान ने आतंकवादियों की मदद से कश्मीर के एक हिस्से पर कब्ज़ा कर लिया. रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा कि अगर उस दौरान उन आतंकवादियों को मार दिया गया होता, तो हमें घाटी में ऐसा नरसंहार नहीं देखना पड़ता. उन्होंने जोर देकर कहा कि विभाजन के समय कांग्रेस को सरदार पटेल की सलाह माननी चाहिए थी. अगर ऐसा किया गया होता, तो भारत में आतंकवादी गतिविधियों का सिलसिला बंद हो जाता, जो पिछले 75 सालों से चल रहा है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "1947 में भारत माता के टुकड़े-टुकड़े कर दिए गए. जंजीरें कटनी चाहिए थीं, लेकिन भुजाएं कट गईं. देश तीन टुकड़ों में बंट गया और उसी रात कश्मीर की धरती पर पहला आतंकी हमला हुआ. पाकिस्तान ने मुजाहिद्दीन के नाम पर आतंकियों की मदद से भारत माता के एक हिस्से पर कब्जा कर लिया. अगर उस दिन ये मुजाहिद्दीन मारे गए होते और सरदार पटेल की सलाह मान ली गई होती तो पिछले 75 सालों से चल रहा ये सिलसिला (आतंकवादी घटनाओं का) देखने को नहीं मिलता. शरीर कितना भी मजबूत या स्वस्थ क्यों न हो, एक कांटा भी लगातार दर्द देता है - और हमने तय किया है कि कांटा निकालना ही होगा." 

पाकिस्तान की क्षमताओं को उजागर करते हुए प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि वह युद्ध में भारत को हराने में असमर्थ है. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि आतंकवादी लगातार भारत पर हमला कर रहे हैं और हम तब से इसे बर्दाश्त कर रहे हैं. पीएम मोदी ने कहा, "जब पाकिस्तान के साथ युद्ध की जरूरत पड़ी तो भारत की सैन्य शक्ति ने तीनों बार पाकिस्तान को परास्त किया. पाकिस्तान को समझ में आ गया था कि वह भारत को युद्ध में नहीं हरा सकता. उसने भारत के खिलाफ छद्म युद्ध शुरू कर दिया. उन्हें जहां भी मौका मिला, वे हमला करते रहे और हम बर्दाश्त करते रहे."


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