Updated on: 16 April, 2025 08:40 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
विदेश मंत्री ने पूछे गए प्रश्नों के जानकारीपूर्ण उत्तर दिए. डॉ. एस. जयशंकर ने कहा कि देशभर में उच्च गुणवत्ता वाले शिक्षण संस्थान स्थापित किए गए हैं.
डॉ. एस. जयशंकर ने `बदलती दुनिया: अवसर और चुनौतियां` विषय पर मुख्य भाषण दिया
भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने चांगा में चारुसेट परिसर का दौरा किया और चारुसेट विश्वविद्यालय में `बदलती दुनिया: अवसर और चुनौतियां` विषय पर मुख्य भाषण दिया. विदेश मंत्री ने पूछे गए प्रश्नों के जानकारीपूर्ण उत्तर दिए. डॉ. एस. जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राष्ट्र को महान बनाने के लिए देशभर में उच्च गुणवत्ता वाले शिक्षण संस्थान स्थापित किए गए हैं. उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि ऐसे संस्थानों के सहयोग से ही भारत एक महान राष्ट्र बनेगा. चारुसेट में पढ़ने वाले छात्र भाग्यशाली हैं कि उन्हें इस विश्वविद्यालय में अध्ययन करके उच्च शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलता है.
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उन्होंने कहा कि पिछले दस वर्षों में देश के सभी क्षेत्रों में काफी बदलाव आया है. आज भारत विश्व के साथ तालमेल रखते हुए चुनौतियों का सामना करते हुए, नए अवसरों का सृजन करते हुए, प्रधानमंत्री के 2047 तक विकसित भारत के विजन को साकार करने की दिशा में आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रहा है. विदेश मंत्री ने सरदार वल्लभ पटेल को श्रद्धांजलि अर्पित की तथा उनके दूरदर्शी नेतृत्व को याद किया. उन्होंने कहा कि विदेशों में रहने वाले भारतीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत और विश्व के बीच सेतु बनने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं. डॉ. एस. जयशंकर के साथ संपूर्ण संवादात्मक सत्र का संचालन डॉ. विजय चौथाईवाले ने किया.
इसके बाद छात्रों के साथ संवाद आयोजित किया गया. छात्रा वृष्टि दवे ने बताया कि डॉ. जयशंकर से हुई बातचीत में हमें पता चला है कि हम 2047 तक विश्व गुरु बनने के अपने सपने को अवश्य साकार कर पाएंगे. जिसमें उन्होंने बताया कि युवाओं के रूप में हमें क्या भूमिका निभानी है और हम वह भूमिका कैसे निभा सकते हैं. शाश्वत महेंद्रू ने सवाल पूछा, "बहुत से छात्र पढ़ाई के लिए विदेश जाते हैं, जबकि विभिन्न कंपनियां हमारे देश में निवेश कर रही हैं, क्या इससे दोनों देशों के बीच संबंध मजबूत होते हैं, और छात्रों के विदेश जाने से क्या फर्क पड़ता है?" डॉ. जयशंकर ने कहा कि जो लोग विदेश जाते हैं, वे अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाते हैं और भारत का प्रतिनिधित्व करते हैं. साक्षी शाह ने प्रौद्योगिकी और उद्यमिता के बारे में प्रश्न पूछा, तथा ऋषभ जोशी ने सतत विकास लक्ष्यों के बारे में प्रश्न पूछा.
इससे पहले, चारुसेट परिसर में डाॅ. एस. जयशंकर का स्वागत सुरेन्द्र पटेल और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने किया. मंत्री ने प्रबंधन, प्रिंसिपल और डीन के साथ बातचीत करके चारुसेट के बारे में जानकारी प्राप्त की. इसके बाद परिसर भ्रमण के दौरान विभिन्न विभागों का दौरा किया गया. इस अवसर पर मंत्री ने सीएसपीआईटी में एम.ए. का उद्घाटन किया. एस. पटेल सिविल इंजीनियरिंग विभाग में नवनिर्मित जल उपचार संयंत्र का उद्घाटन किया गया. इसके बाद मंत्रीगण एवं गणमान्य व्यक्ति समारोह स्थल पर पहुंचे. उद्घाटन भाषण में प्रोवोस्ट डॉ. आर.वी. उपाध्याय ने अतिथियों का परिचय कराया.
चारुसेट के अध्यक्ष सुरेन्द्र पटेल ने शिक्षा मंत्री डॉ. एम. सी. पटेल के पैतृक संगठन-सीएचआरएफ के अध्यक्ष नागिन पटेल द्वारा मंत्री को स्मृति चिन्ह भेंट किया गया. अंत में धन्यवाद ज्ञापन रजिस्ट्रार डॉ. अतुल पटेल ने किया. सम्पूर्ण कार्यक्रम का संचालन एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अदिति बुच एवं असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. विजय मकवाना द्वारा किया गया. कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बात करते हुए डॉ. एस. जयशंकर ने कहा कि पूरा कार्यक्रम बहुत अच्छा रहा. मैं चारुसेट को धन्यवाद देना चाहता हूँ कि उन्होंने मुझे आज छात्रों के साथ बातचीत करने का अवसर दिया. गौरतलब है कि डॉ. एस. जयशंकर का इस प्रतिष्ठित चारुसत विश्वविद्यालय का दौरा एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बन गया है. जो देश भर में चारुसेट की बढ़ती मान्यता और प्रतिष्ठा को दर्शाता है.
इस अवसर पर सांसद मितेश पटेल, सोजित्रा विधायक एवं केलवणी मंडल सहसचिव विपुल पटेल, आणंद विधायक योगेश पटेल, पेटलाद विधायक कमलेश पटेल, केलवणी मंडल उपाध्यक्ष सी. ए. पटेल, अशोक पटेल, किरण पटेल, दानदाता मनु पी. डी. पटेल, दानदाता देवांग पटेल इपकोवाला, ट्रस्टी दीपक पटेल, वीरेंद्र पटेल, मातृ संस्था-केलवणी मंडल-चारुसेट-सीएचआरएफ के पदाधिकारी एवं पदाधिकारी, प्राचार्य, डीन, संकाय सदस्य एवं विद्यार्थी उपस्थित थे.
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