Updated on: 09 February, 2025 04:56 PM IST | Mumbai
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में बीजेपी की जीत के बाद शिवसेना (ठाकरे गुट) के नेता संजय राउत ने चुनावी प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाए.
X/Pics
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों में भारतीय जनता पार्टी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की, जिससे आम आदमी पार्टी को सत्ता से बेदखल होना पड़ा. अरविंद केजरीवाल की पार्टी अब विपक्ष में बैठने को मजबूर है. इस नतीजे के बाद राजनीतिक हलकों में बयानबाज़ी तेज़ हो गई है.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
शिवसेना (ठाकरे गुट) के नेता संजय राउत ने इन चुनावों पर गंभीर सवाल उठाते हुए बीजेपी और मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने चुनावी प्रक्रिया को लोकतंत्र के लिए `खतरनाक संकेत` करार दिया.
`चुनाव नहीं, सत्ता की स्क्रिप्ट का हिस्सा`
मीडिया से बातचीत में राउत ने कहा, "पिछले एक दशक में भारतीय राजनीति में चुनाव एक निष्पक्ष प्रक्रिया नहीं रहे, बल्कि सत्ता की स्क्रिप्ट का हिस्सा बन चुके हैं. जीत-हार लोकतंत्र में सामान्य प्रक्रिया है, लेकिन जब चुनावों को `शैतानी तरीके` से लड़ा जाए, तो यह लोकतंत्र के लिए खतरा बन जाता है."
राउत ने दावा किया कि दिल्ली समेत कई राज्यों में चुनाव निष्पक्ष नहीं हो रहे हैं. उन्होंने कहा, "जिस तरह से बीजेपी जीत हासिल कर रही है, वह लोकतंत्र पर गहरा सवाल खड़ा करता है. यह सिर्फ ईवीएम का मामला नहीं है, बल्कि पूरी चुनावी व्यवस्था को नियंत्रित किया जा रहा है."
`महाराष्ट्र की तरह दिल्ली में भी धांधली`
राउत ने आरोप लगाया कि दिल्ली चुनावों में भी मतदाता सूची में छेड़छाड़ की गई. उन्होंने कहा, "जिस तरह महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन के लिए साजिश रची गई थी, उसी तरह अन्य राज्यों में भी लोकतांत्रिक प्रक्रिया को प्रभावित किया जा रहा है. दिल्ली इसका ताज़ा उदाहरण है."
उन्होंने दावा किया कि विपक्षी नेताओं और कार्यकर्ताओं को चुनाव से पहले धमकाया गया, उन पर झूठे मुकदमे लादे गए और सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग किया गया.
`लोकतंत्र की कब्र खोदी जा रही है`
राउत ने कहा, "देश में चुनाव निष्पक्ष नहीं रह गए हैं. समान वेतन और जुर्माने के अंतर जैसी रणनीतियों का इस्तेमाल कर सत्ता में बने रहने की साजिश रची जा रही है. यह लोकतंत्र की कब्र खोदने जैसा है."
उन्होंने आगे कहा कि अगर विपक्ष को दबाने और चुनावों को नियंत्रित करने का यह खेल जारी रहा, तो देश में असली लोकतंत्र खत्म हो जाएगा. विपक्ष की भूमिका को कमजोर करना और सत्ता के लिए हर तरीके को जायज़ ठहराना भारतीय संविधान की आत्मा के खिलाफ है.
`लड़ाई जारी रहेगी`
राउत ने अंत में कहा, "हम पीछे हटने वालों में से नहीं हैं. लोकतंत्र को बचाने के लिए संघर्ष जारी रहेगा. जनता को भी अब जागरूक होकर इस खेल को समझना होगा, नहीं तो अगला निशाना कोई और राज्य होगा."
दिल्ली में बीजेपी की प्रचंड जीत पर भले ही जश्न मनाया जा रहा हो, लेकिन विपक्ष के तीखे आरोप लोकतंत्र की सेहत को लेकर गंभीर चिंता खड़ी कर रहे हैं. क्या भारतीय चुनाव प्रणाली वाकई निष्पक्ष रह गई है, या फिर यह महज एक सत्ता-संचालित प्रक्रिया बन चुकी है? सवाल बड़ा है, लेकिन जवाब अभी बाकी है.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT