Updated on: 07 July, 2025 10:28 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
गांव में हाल ही में एक बच्चे की मौत के बाद काले जादू के आरोप में यह अपराध किया गया. ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से सभी पांच शवों को जाकर जेसीबी मशीन का उपयोग करके दफना दिया.
प्रतीकात्मक छवि
बिहार के पूर्णिया जिले में संदिग्ध काले जादू की एक वीभत्स और चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसमें एक ही परिवार के पांच सदस्यों को जिंदा जला दिया गया. टेटमा गांव में हुई हत्या के सिलसिले में दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है. गांव में हाल ही में एक बच्चे की मौत के बाद काले जादू के आरोप में यह अपराध किया गया. रिपोर्ट के अनुसार, ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से सभी पांच शवों को घटनास्थल से एक किलोमीटर दूर ले जाकर जेसीबी मशीन का उपयोग करके दफना दिया.
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परिवार का एक किशोर लड़का भागने में सफल रहा और उसने सोमवार को पुलिस को अपराध की सूचना दी. बाद में, अधिकारियों ने डॉग स्क्वायड की मदद से शवों को बरामद किया. पीड़ितों की पहचान 70 वर्षीय मौसमत काटो देवी, 50 वर्षीय बाबूलाल उरांव, उनकी 40 वर्षीय पत्नी सीता देवी, उनके 20 वर्षीय बेटे मंजीत कुमार और 18 वर्षीय पत्नी रानी देवी के रूप में हुई है.
जीवित बचे किशोर ने पुलिस को बताया कि गांव में एक बच्चे के गंभीर रूप से बीमार पड़ने के बाद तनाव पैदा हो गया था. ग्रामीणों ने कथित तौर पर उसकी दादी काटो देवी पर काला जादू करने का आरोप लगाया था. रविवार की रात को भीड़ ने परिवार पर हमला कर उन्हें बंधक बना लिया. किशोर किसी की नजर में नहीं आया और वीरपुर में अपनी दादी के घर भाग गया, जहां उसने अगली सुबह मामला दर्ज कराया.
पूर्णिया की पुलिस अधीक्षक स्वीटी सहरावत ने पुष्टि की कि शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है. पीड़ित के बयान के आधार पर पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. सहरावत ने कहा, "सभी आरोपियों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा और त्वरित कानूनी कार्रवाई की जाएगी." पुलिस यह भी जांच कर रही है कि हत्या के पीछे कोई अंधविश्वास या काला जादू तो नहीं है. वे यह भी जांच कर रहे हैं कि क्या कोई जातिगत भेदभाव है.
इस घटना की राजनीतिक निंदा हुई है, जिसमें बिहार के पूर्व मंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव ने राज्य सरकार की आलोचना की है. तेजस्वी यादव ने एक्स को संबोधित करते हुए लिखा, "पूर्णिया में एक ही परिवार के पांच सदस्यों को जिंदा जला दिया गया. डीके टैक्स के राज में बिहार की कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है - डीजीपी और मुख्य सचिव बेबस नजर आ रहे हैं. हाल के दिनों में सीवान (3 मौतें), बक्सर (3 मौतें) और भोजपुर (3 मौतें) में नरसंहार हुए हैं. अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं और मुख्यमंत्री बेखबर हैं. पुलिस की नाकामी की वजह से भ्रष्ट `भुजा पार्टी` फल-फूल रही है. इस अराजकता के पीछे असली ताकत के तौर पर डीके को सजा भुगतनी पड़ रही है."
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